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________________ अन्वबुध्यत सात्यकिः] श्लोकपादसूची [अन्वाशिष्म वयमर्जुन त्वयि अन्वबुध्यत सात्यकिः 5. 128. 94. अन्वमन्यत स प्रभुः 2. 28. 514. अन्वमोदत तत्सर्वं 9.59. 36deg. अन्धमोदन्त दक्षिणाः 12. 29.95d. अन्वयं संप्रवक्ष्यामि 1. 60. 36deg. अन्वयाचदमर्षणः 10. 12. 6. अन्वयाजवनैरश्वैः 4. 594*. 2 pr. अन्वयातां ततो मध्ये 5. 197.15. अन्वयातां परंतपम् 5.92. 16. अन्धयातां महात्मानौ 7.66.35%. अन्धयात्पृष्ठतो राजन् 12. 38. 38. अन्वयात्सत्यसंगरा 5. 116. 14. अन्वयाद्भारती चमूम् 7. 102. 344. अन्वयाहातरं रामं 3.261.34. अन्वयाहातरं संख्ये 7. 114.85%. अन्धयाः कुशिका राजन् 1. 89.29. अन्धयुध्यत पाण्डवः 4.579*.2 post. अन्धयुर्द्विजसत्तमम् 7. 130.5*. अन्धयुाह्मणा राजन् 3. 47.5. अन्धयुर्भरतश्रेष्ठ 6. App. 4. 26 pr. अन्वयुर्वृष्णिशार्दूलम् 4. 67.24deg. अन्धयुम्तद्रथानीकं 8.31.22%3; App. 15. 17 pr. अन्धयुस्ते तदाच्युतम् 8.33. 41. अन्धयुस्त्वरितास्ते वै 9.29.50%. अन्धयुः कुरुराजानं 15. 30.5deg. अन्धयुः पाण्डवास्तां तु 15.22.324. अन्धयुः पृष्ठतो राजन् 4. 65. 11. अन्धयुः शत्रुसंसदि 6. 15. 48. अन्वयुः शस्त्रपाणयः 5. 82. 1". अन्धयुः शोककर्षिताः 1. 133.54. अन्वये तस्य मातृके 6. 86. 69. अन्वरौत्सीत्स रोदसी 15. 46. 200. अन्धर्थनामा भव मे 5. 132.7deg. अन्वर्थ तं पितुर्मध्ये 13. 70. 13. अन्वर्थाः संप्रवर्तन्ते 12.240. 11'. अन्वर्थोपगतैर्वाक्यैः 12. 352. 1. अन्धवर्तत कौरव्यः 15. 3. 17deg. अन्ववर्तत भीमोऽपि 15. 3. 160. भन्ववर्तत राजानं 7. 160.23%. अन्धवर्तत हित्वा मां 7.61.25. अन्धवर्तन्त पार्थाश्च 1. 1241*. 1 pr. भन्यवर्तन्त वेगेन 7. 143. 39".. भन्धवर्तन्त सर्वशः 5. 81. 25. अन्ववत वृथामतिः 14. 1. 17. अन्ववर्धन्त पार्थाश्च 1. App. 67. 46 pr. अन्धवाये बसोर्जातः 1. 1949*.5 pr. अन्धवेक्ष्यैतदुभयं 1. 221. 130, 20deg. अन्धशाद्धार्मिकस्तदा 2. 28. 19deg. अन्वशाध्यतामिति 1. 101. 11'. अन्वशाद्वै पिता सुतम् 12. 309. 24. अन्वशाद्वै वसुंधराम् 1. 94. 10. अन्वशाद्वै स धर्मात्मा 14. 14. 17'. अन्वशासच भर्तारं 12.221.75%. अन्वशासच्छतक्रतुः 1. 833*.2 post. अन्वशासत धर्मात्मा 14. 14.56. अन्वशासत्स धर्मज्ञः 3. 155. 230. अन्वशासन्त ते नित्यं 14. App. 1. 55 pr. अन्वशासन्महाराज 1.95. 13. अन्वशोचत कौन्तेयः 3.78. 22. अन्धशोचत दुःखार्ता 11. 15. 12. अन्वशोचन्त गाङ्गेय 12.54. 6. अन्वशोचन्त ते सर्वे 15. 45. 43. अन्वशोचन्त दुःखिताः 1. App. 81. 218 post. अन्धशोचन्त पाण्डवान् 1.1492*.4 post. अन्वश्वं दश धानुष्काः 6.77. 14deg. अन्यस्य पितरं ह्यद्य 7.47. 194 अन्वंशाभ्यागतान्सर्वान् 9.31. 16. अन्वागतबलाः पार्थ 4. App. 52. 49 pr. अन्वागतं धर्मराज वनस्थम् 1. 1. 108'. अन्वागतं भ्रातृभिरप्रमेयैः 1. 1. 105deg. अन्वागतं वृष्णिवरं निशम्य 6.59. 27. अन्धागतं वृष्णिवरं समीक्ष्य 7. 115. 20. अन्धागमं पदवादे गजस्य 13. 105.56'. अन्धारभ्य च सव्येन 14. App. 4. 1589 pr. अन्धारुरोह चाप्येनं 2.2. 140. 14. App. 4. 3426 pr. अन्धारुरोहतुः पार्थ 7. 60. 186. अन्धारुरोह दाशाह 5.92. 156. अन्वारूढस्तव पुत्रं रथस्थं 7. 154. 636. अन्धारोढुं व्यवसिताः 16. 8. 18%. अन्वारोहद्धपीकेशः 10. 13.5". अन्धारोहद्यशस्विनी 1. 116. 31". अन्धालभनशोभिताम् 3. 293.34. अन्वालभेदक्षिणतो व्रजेच्च 13. 79. 10deg. अन्धालभे हिरण्मयं 5. 35. 10". अन्धावर्तामहि वयं 10. 2. 28". अन्वाशिष्म वयमर्जुन त्वयि 8. 48. 4". - 131 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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