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________________ अन्धनेत्रा यथैवान्धा] श्लोकपादसूची [अन्नपानरसौधेन अन्धनेत्रा यथैवान्धा 5.67. 14. अन्धस्य कृपणस्य च 13. 337*. 11 post. अन्धस्य नृपतेः पुत्राः 15. 4. 70. अन्धस्य नृपतेर्यष्टिः 9. 175*. 4 pr... अन्धस्य पन्था बधिरस्य पन्थाः 3. 133. 14. अन्धं जगदिदं भवेत् 3. App. 1. 36 post. अन्धं जडं बलं प्राहुः 2. 18. 16deg. अन्धं तम इवाज्ञानं 7. 1010*.7 pr. अन्धं तम इवेदं स्यात् 12. 15. 320. अन्धं तमस्तमित्रं च 13. 101. 46. अन्धं दृष्ट्वाम्बिकापुत्रं 1. 1084*. 9 pr. अन्धं वृद्धं च मां वीर 9. 2. 10. अन्धं स्यात्तम एवेदं 13. 611*. 1 pr. अन्धः करणहीनेति 5. 145. 360. अन्धः स्यादन्धवेलायां 1. App. 81.25 pr. 12. 138. 27. 13. 108.1". अन्धा एव भवन्ति ते 13. App. 15. 1789 post. अन्धाञ्जडान्द्रव्यहीनांश्च गङ्गा 13.27. 8:20. अन्धा जडाश्च जीवन्ति 12.275.. अन्धान्वृद्धांस्तथानाथान् 4. 17.210. अन्धाश्च सर्वे स्थविरास्तथैव 5. 30. 300. अन्धाय मां महाप्राज्ञ 12. App. 19. 56 pr.; App. 20. 152 pr. अन्धावसंस्तदा ते तु 7. 1379*. 5 pr. अन्धाश्च तमसा लोकाः 7. 173. 46". अन्धीकुर्वन्ति ये मान् 13. App. 15. 1784 pr. अन्धे तमसि किं ज्योतिः 7. 1113*. 2 pr. अन्धे तमसि मनानां 7. 138.8. अन्धे तमसि मजेयुः 12. 15.7deg; 68. 10, 13. अन्धे तमसि मूढानि 7. 138.6. अन्धेन तमसा लोकाः 13. 1455. 154. अन्धेनेव युगं नद्धं 2. 49. 24". अन्धेव यष्टिरहिता 13. App. 20. 365 pr. अन्धे वा रूपदर्शनम् 2. 34. 21". अन्धो जड इवा शङ्कः 13. 147. 21. अन्धो जातोऽस्मि जागृहि 12. 335. 42. अन्धो नागायुतप्राणः 1. 1076*. 2 pr. अन्धोऽयमन्यमिच्छामि 1. 1084*. 11 pr. अन्धो लभति चक्षुपी 13. App. 14. 515A 10 post. अन्धोऽहमत्र तत्वं हि 12. App. 19. 103 pr. अन्धौ जातौ तपस्विनी 3. 205 8'. अन्ध्रकाश्च पुलिन्दाश्च 8.51. 190. अन्ध्रकेण महात्मना 2.47*. 3 post. अन्ध्राश्च बहवो राजन् 6. 10. 480. अन्ध्रांस्तलवनांश्चैव 2. 28. 480. अन्नग्रहणकारणात् 1 123. ". अन्नतः संप्रवर्तन्ते 13. 97.25. अन्नतः सर्वमेतद्वि 13.62.340. अन्नदप्रभवे नमः 12. App. 28. 235 ( subst. ) 1 post. अन्नदस्तीर्थमुच्यते 14. App. 4. 3329 post. अन्नदस्य त्रयो भागाः 14. App. 4. 902 pr. असदस्य मनुष्यस्य 13. 62. 3:54. अन्नदस्यान्नवृक्षाश्च 13. 62. 100. अन्नदः पशुमान्पुत्री 13.62.25. अन्नदः प्राणदो भवेत् 12. 18. 27. 13. App. 15. 3205 post. 14. App. 4. 1001 post. अन्नदः प्राणदो लोके 13.62.26. 14. App. 4. 2285pr. अन्नद. प्रामृते राजन् 13.62. 12. अन्नदः सर्वकार्मस्तु 14. App. 4. 1003 pr. अन्नदातृसमः सोऽपि 3. App. 211, 70 pr. अन्नदानकृतच्छायाः 13. App. 14. 434A 1 pr. अन्नदानफलं महत् 13.113.28. अन्नदानफलं श्रुत्वा 14. App. 4. 2311 pr. अन्नदानमतस्तस्मात् 13. 66.6". अन्नदानस्य यो विधिः 13.63. 18. अन्नदानं च शुद्धे च 13. 62. 17deg. अन्नदानं प्रधानं हि 13. 65.51". अन्नदानाच्च ये लोकाः 13. App. 15. 3219 pr. अन्नदानात्तु ये लोकाः 14. App. 4. 2298A) pr. अन्नदानान्न गर्झते 13. App. 15, 3215 post. अन्नदानान्नपतये 12. APP.28.228 pr. अन्नदानालमेजर: 13. App. 15. 3384 past. अन्नदान्तत्र तिष्टन्ति 14. App. 4. 2310 pr. अन्नदानां महात्मनाम् 13.62.51. अन्नदानां हि ये लोकाः 13.62. 450. अन्नदानेन मानवः 13. 113.24. अन्नदानेन संप्रीताः 14. App. 4. 2298A2 pr. अन्नदानैः सुकृतिनः 13. 123. 11". अन्नदाः प्रथमं यान्ति 3. App. 21A,88 pr. अन्नदोऽन्नभुगेव च 12. App. 28. 255) post. अन्नपर्वतशोभितैः 15. 8. 11'. अन्नपानजिता दाराः 5.39.676. अन्नपानप्रदानेन 13.57. 20deg. अन्नपानमनार्यताम् 13. 40. 12. अन्नपानमपास्याथ 1.212. 120. अन्नपानरसोधेन 15. 20. 11'. - 117 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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