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________________ अन्तःपुरमुपस्थाय] महाभारतस्थ [अन्धत्वाद्यदि तेषां तु अन्तःपुरमुपस्थाय 5.32.2. अन्तःपुरसमीपस्थे 3. 50. 17. अन्तःपुरं ततस्तस्य 1. 145. 184. अन्तःपुरं द्रुपदस्याविवेश 1. 186. 9". अन्तःपुरं प्रविश्यैव 1. 683*.2 pr. 8.7*.bpr. अन्तःपुराणां च तदा 15. 45.40. अन्तःपुराणां रुदतां 2. App. 43.2 pr. 15.24.2. अन्तःपुराणां सर्वेषां 3.222. 500. अन्तःपुराणि राज्ञां च 14. 86. 150. अन्तःपुरे च राष्ट्रे च 12. 159*. 1 pr. अन्तःपुरे ततस्तस्य 13. App. 8. 48 pr. अन्तःपुरे तं तु निवेश्य राजा 3. 113. 100. अन्तःपुरे राजपुत्रं जघान 3. 190.74. अन्तःपुरे वनोद्याने 1. 204. bf. अन्तःपुर श्लाघमान: 4.33.21. अन्तःपुरेषु च तदा 15. 45. 420. अन्तःपुरषु सुमहान् 15. 98*. 1 pr. अन्त.पुरेऽहमुषितः 4.67." अन्तः शरीरे तस्याहं 3. 186. 110". अन्तः शीतो बहिश्चोष्णः 1. 1488.2pr. अन्तःशुद्विव्यपेक्षया 13.305*.2 post. भन्तःसर्प इवागारे 12. 83. 50. भन्तःसलिलमास्थाय 2.9.20. अन्तःस्थं च बहिष्टं च 12.229. 230. अन्तःस्थं वंसते तद्वत् 12.594*.6 pr. भन्तःस्थः सर्वतो बिसे 12.210. 33. भन्तःस्वस्थो जितक्रोधः 14. App. 4. 1439 pr. अन्ताखी चैव रोमां च 2. 28. 49. भन्तात्पुनर्भावगतो विराजते 7. App. 8.902A 5. भन्तादन्तं परिक्रम्य 1. App. 75, 13 pr. मताधिपतयः सर्वे 1. 856*. 15pr. भन्ताय कृत्वा गन्धर्वः 1. 95. 10. भन्तिकस्थमथ प्रीत्या 3. 794*. 3 pr. भम्तिकस्थं महौ जसम् 3.716*. 1 post. भन्ति के रमणं सन् 12. 168. 480. भन्तिनारायशस्विनी 1. 876*. 1 post. भन्ते गत्वा मर्त्यलोकं भजन्ते 13. App. 1. 145. भन्ते दुर्दूतदेविनः 3. 46. 294. भन्ते भयविषादौ च 3. 1387*.2 pr. भन्ते मध्ये वा वनमाश्रित्य स्थेयम् 12. 280.224. भन्ते वनमुपाश्रयः 15. 8.54 भन्ते वा कर्मणः कां ते 18. 5.50. भन्तेवासिनमाचार्यः 7. 67.79; 164. 152. अन्ते विहितमस्त्राणां 7.78. 11. अन्तेषु पुत्रान्निक्षिप्य 12.29.91". अन्तेषु रेमिरे धीराः 5. 88. 96". अन्तेषु स विनिक्षिप्य 1. 81. 110; 850*.2 pr. अन्ते स्याद्गुदसंज्ञितम् 12, 178. 11'. अन्तो नास्ति पिरासायाः 3.2.44. 12.317.210. अन्तो नूनं कुलस्यास्य 2. 66. 30deg. अन्तो नूनं भवितायं कुरूणां 2.59. 124. अन्तो नूनं भवितायं प्रजानाम् 5. 32. 27. अन्यजा ह्यनिवर्तिनः 12. 102. 19. अन्त्यजो वापि यः कश्चित् 14. App. 4. 3352 pr. अन्त्यप्राप्तिं सुखामाहुः 12. 168. 25deg. अन्त्या मध्या भविन्यन्ति 3. 188. 190. अन्यायामत्यवस्थायां 12.72.22. अन्त्यां शय्यां धार्तराष्ट्रः परासुः 5. 47. d. अन्याः सर्वे पर्युदस्ताः 2. 46.22. अन्त्येषु रेमिरे धीराः 12. 168. 25". अन्त्येष्वपि हि जातानां 5.34.396. अन्नमालाविभूषितम् 7. 131. 28. अन्ध एवं व्यजायत 1. 61.780. अन्धकस्याथ शुम्भस्य 13. App.b. pr. अन्धकं वै सनातनम् 13.26. 314. अन्धकारकदेशात्तु 6. 13. 220. अन्धकारतमोवृतम् 12. 83. 41". अन्धकारमनन्तरम् 7.73. 12. अन्धकारमपारं तं 14. App. 4. 625 pr. अन्धकारमिवाकाशं 9.27.70. अन्धकारं तमो घोरं 13. App. 14. 413 pr. अन्धकारात्परो राजन 6. 13. 180. अन्धकारा हि मे लोकाः 12. 335. 30. अन्धकारां सुविपिनां 3. 266. 38. अन्धकारीकृते लोके 7. 522*. 1 pr. 8. App. 43. 100 pr. 9. App. 1. 83 pr. अन्धकारे कृते शरैः 7. App. 10. 6 post. अन्धकारे प्रवेष्टव्ये 12. 309. 20deg. अन्धकारेऽर्जुनाथान्नं 1. 123.20. अन्धका यादवा भोजाः 2. 55. 6. अन्धका वृष्णयश्चैव 5. 139.8deg. अन्धका वृष्णिभिः सह 16.2.1. अन्धतानन्धता चेति 12. App. 19. 59 pr.; App. 20. 155 pr. अन्धतामिस्रसंज्ञितम् 12. 301.210. अन्धत्वाद्यदि तेषां तु 9.2.60. - 116 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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