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________________ अन्तर्भूमिनिवासिनाम् ] श्लोकपादसूची [अन्तःपुरनिवासिनी अन्तर्भूमिनिवासिनाम् 5.06.". अन्तर्भूमि संप्रविश्य 12. 202. 15. अन्तर्भूमौ तु येऽगृह्णन् 3. 169. 17". अन्तर्भूमौ निपतितं 3. 170. 21". अन्तर्भेदे च संजाले 7. 172. 11". अन्तर्मनाः कुरुपु प्रागवत्सु 7. 154. 4'. अन्तर्महीं वा यदि वोर्ध्वमुत्पतेः 4. 13. 200. अन्तर्मृत्युरशुद्वात्मा 12. 146. 11". अन्तर्वत्नी अहं भ्रात्रा 1. 98. 8. अन्तर्वत्नीपतिः कुर्वन् 13. 512*. 2 pr. अन्तर्वल्यास्तु यः पाणिं 13. App. TA.76 pr. अन्तर्वसति भोगेन 13. App. 16. 117 pr. अन्तर्वासमुचित्वा च 14.20.24. अन्तर्वेदी प्रविविशुः 2. 33. 1. अन्तर्वेद्यां च यद्दत्तं 13. 60.3". अन्तर्वेद्यां तदा राजन् 2.38.0'. अन्तर्वेद्यां ददहितं 2.50.90. अन्तवेद्यां महात्मनः 2. 33. 2. अन्तर्वेद्यां समुद्भूता I. ABP 79. 119 pr. अन्तर्वेश्म सहसोत्याच राजन 3.5.20deg. अन्तर्हितमरिंदम 9. +0.14. अन्तर्हितशिराम्तथा 13. A. 10. 70 post. अन्तर्हितश्चास्मि पुनः 13.55 181. अन्तर्हितम्ततो भूयः 13.54. 19. अन्तर्हितं ततस्तस्याः 4.14.200. अन्तर्हितं ततो भूतं 2. 10. 8. अन्तर्हितं माथ पाभूत् 3. 23.3. अन्तर्हितं राक्षसं तं विदित्वा 7. 15.21. अन्तहितं विदित्वा तं 3. 27. 20f. अन्तर्हितं समालक्ष्य 3. 234. 23. अन्तर्हितः क्षणे तस्मिन् 13. 16.9. अन्तर्हितः प्रकाशो वा 3.272.. अन्तर्हितः प्रभावं तु 12. 320. 26*. अन्तर्हिता गाण्डियनिस्वनेन 6.55. 114. अन्तर्हिता ततो वाणी 7. 121. 18. अन्तर्हितानां भूतानां 1. 1.76. 3. 273. 10. अन्तहितानि भूतानि 3. 141. 10. 7. 163.42. अन्तर्हि तानि वा यानि 1.2.11. अन्तहिताभितप्तानां 12.226. 11". अन्तर्हिता भीममुखाः सहाश्वाः 4. App. 4. 15. अन्तर्हिता महानादाः 6.95. 49". अन्तर्हितायां भूमौ तु 13. App. 10. 70 pr. अन्तर्हितायां सावित्र्यां 3.277.20. अन्तहितातापसास्ते 3. 61. 910. अन्ताईतास्त्वां प्रतिपालयन्ति 12.51. 150. अन्तहिताः सोपहिताः 12. 112.75deg. अन्तर्हिते भगवति 13. 16. 720. अन्तहितोऽभूदाजेन्द्र 13.52. 389. अन्तहितो महाराज 7. App. 10. 16 pr. अन्तहितो चेत्तुस्तौ 7. 13. 42". अन्तर्दृष्टमनाश्चासौ 1. 115s*. 1 pr. अन्तवत्तु फलं तेषां 6. 29. 230. अन्तद्भिरत प्राज्ञ: 12. 169.31. अन्तरन्त इने देहाः 6.24 18. 12.217.6%. अन्तवन्त इहारम्भाः 14. 32. 14. अन्तवन्तः क्षत्रिय ते जपन्ति 5. 4. 1F". अन्तवन्ति च भूतानि 12. 172. 1:30. अन्तवन्ति प्रदानानि 12.62. 11". अन्तयन्ति हि कमःणि 12. 286.22. अन्तवन्त्यसुधर्मे स्मिन् 2. App. 42.pr. अन्तश्चति भूतानां 3. 275. 234. अन्तश्चरति सावित् 3.5.". अन्तश्चरसि नित्यदा 1.5 23. अन्तश्चाका मेयात् 12.68.20". अन्तश्चादिमतां दृष्टः 12. 190, 18". अन्तश्चादिश्च मध्यं च 12, 121.27". अन्तं करिष्यामि राधा गुरूणां 6.05. 100%. अन् गच्छ त कौरव 7. 112.10. अन्तं गच्छन्ति राजेन्द्र 12. 250. 16. अन्तं गत्वा कर्मणां था प्रशंसा 5.27. 15". अन्त चके नरर्पभः 2.AP. 21. II post. अन्तं दहस्य कुत्रचित् 3. 186. 110d. अन्तं धीरा निषेवन्ते 5, 88. 954. अन्तं नृनं करिष्यामि 5. 81.53. अन्तं नैवाशकद्रष्टुं 13. App. 16. 115 pr. अन्तं पार्थाः करिष्यन्ति 3. 46. 31deg. अन्तं यथा गमियामि 6. 102. 6s. अन्तः कामं तुलस्यास्तु 2. 66. 36. अन्तःक्षुरा वाङ्मधुरा: 12. 152. 16. अन्तः क्षेत्रज्ञभास्करम् 14.27. 164. अन्तःपुरगतं वत्सं 12. 315. 16". अन्तःपुरगतं ह्येनं 4. 120.54 pr. अन्तःपुरगता नार्यः 4. 206*. 3 pr. अन्तःपुरचरा ये च 4. 4. 14.. अन्तःपुरचराश्चैव 4. 63.6". अन्तःपुरनिवासिनी 12. 137.b". - 115 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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