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________________ ¥ श्रो सवाल जाति का इतिहास छघुचंगा, गजा, चौधरी, गोरीवाल, केदारा, धातोकडा, करचु, कोलोरा, शीगाला, कोठारी इस प्रकार १७ शाखाएँ मोरखगोत्र से निककी वह सब भाई हैं। ( ६ ) मूल गौत्र कुलहर - कुलहट, सुरवा, सुसाणी, पुकारा, मसांणिया, खोडीया, संघवी, लघुसुखा, बोरद, चोधरी, सुराणिया, साखेचा, कटारा, हाकडा, जालोरी, मन्नी, पालखिया, खुमाणा १८ शाखाएँ कुलहट गोत्र से निकली वह सब भाई हैं । ( ७ ) मूल गौत्र विरहट - बिरहट, भुरंट, तुहाणा, औसवाला, लघुभुरंट, गागा, नोपत्ता, संघवी, निबोलिया, हांसा, धारिया, राजसरा, मोतिया, चोधरी पुनमिया सरा, उजोत, इस प्रकार १७ शाखाएँ बिरहट गौत्र से निकली है वह सब भाई हैं। (८) मूलगौत्र श्री श्रीमाल - श्री श्रीमाल; संघवी, लघुसंघवी, निलडिया, कोटडिया, साबांणी, नाहरलाणि, केसरिया, सोनी, खोपर, खजानची, दानेसरा, उद्घावत, अटकलिया, धाकडिया भीश्नमाला, देवड, मांडलिया, कोटी, चंडाचा, साचोरा, करवा इस प्रकार २२ शाखाएँ श्री श्रीमाल गौत्र से निकली वह सब भाई हैं । (६) मूल गौत्र श्रेष्ठि-श्रेष्ठ, सिंहावत्, 'भाला, रावत, वैदमुत्ता, पटवा, सेवडिया, चोधरी, थानावर, चितोडा, जोधावत्, कोठारी, बोत्थाणी, संघवी, पोपवत, ठाकूरोत्, बाखेटा विजोत्, देवराजोत, गुदिया, पालोटा, नागोरी, सेखांणी, लाखांणी, भुरा, गान्धी; मेडतिया, रणधीरा, पालावत्, शूरना इसी प्रकार ३० शाखाएँ श्रेष्ठि गोत्र से निकली वह सब भाई हैं । (१०) मूलगौत्र संचेति - संचेति (सुचंति साचेती) डेलूडिया, धमाणि, मोतिया, बिंबा, मालोत, काकोत्, चोधरी, पाकाणि छघुसंचेति, मंत्रि, हुकमिया, कजारा, हीपा, गान्धी बेगाणिया, कोठारी, मालखा, छाछा, चितोडिया, इसराणि, सोनी, मरुषा, घरंघटा, उदेचा, लघुचौधरी, चोसरीया, बापावत् संघवी, मुरगीपाल, कीलोला, लालोत, खरभंडारी, भोजावत्, काटी, जाटा, तेजाणी, सहजाणी, सेणा मन्दिरवाल, मालतीया, भोपावत्, गुणीया, इस प्रकार ४४ साखाएँ संचेति गोत्र से निकली वह सब भाई हैं । (११) मूल गौत्र आदित्यनाग - आदित्यनाग, चोरडिया, सोढाणि, संघवी, उढक मसाणिया, मिणियार, कोठारी, पारख, 'पारखों' से भावसरा, संघवी टेलडिया, जसाणि, मोल्हाणि; सडक, तेजाणि, रूपावत्, चोधरी, गुलेच्छा 'गुलेच्छात्रों' से दोलताणी, सागाणि संघवी, नापडा, काजाणि, हुला, सेहजावत, नागडा, चिसोडा, चोधरी, दातारा, मीनागरा, सावसुख 'सावसुखों' से मीनारा, लोका, बीजाणि, केसरिया, वला, कोठारी नांदेचा, भटनेराचोधरी 'मटेनराचौधरियों' से कुंपावत्, भंडारी, जीमणिया, दावत् सांभरिया, कानुंगा, गवइया 'गदईयों' से गेहलोत, लुगावत् रणशोभा, बालोत, संघवी, नोपत्ता, २६
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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