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________________ श्रीसवाल जाति का इतिहास मन्दिर और भी है और कहा जाता है कि इसका जीर्णोद्धार भी मुणोत जयमलजी ने करवाया था । जालोर कसवे के तपागड़ा मुहल्ले में एक जैन मन्दिर और तपेगच्छ का उपाश्रय अभी तक विद्यमान है । किले की तटी में एक जागोड़ी पार्श्वनाथजी का मन्दिर है । उसे आहोर निवासी मेहता भखेचन्दजी ने महाराजा मानसिंहजी के समय में बनवाया । सांचोर सांचोर भी मारवाड़ का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान है। पर बहुत पुराना बसा हुआ है। इस नगर की उत्पत्ति और विकास का वृत्तान्त मुणोत नैनसीजी ने अपनी ख्यात में बड़ी खोज के साथ लिखा है। यहां पर भी कई जैन मन्दिर और उपाश्रय हैं जो प्रायः ओसवालों के बनवाये हुए हैं। मुणोत जयमलजी ने भी इस स्थान पर संवत् १६८१ की प्रथम चैत्र वदी ५ को एक जैन मन्दिर बना कर उसकी प्रतिष्ठा करवाई । खडाला (मारवाड़) के जैन मंदिर जोधपुर राज्य के गोड़वाड़ प्रात में खुड़ाला नामक एक ग्राम है- इस गाँव के जैनमंदिरों की मूर्तियों पर कई लेख हैं, इस मंदिर की धर्म नाथजी की प्रतिमा पर से प्रसिद्ध इतिहास वेता श्रीयुत भंडार कर साहब ने एक लेख का उतारा लिया था, वह लेख संवत् १२४३ की मार्गवदी ५ का था, पर यह लेख बहुत कुछ खंडित हो जाने से इसका विशेष स्पष्टी करण न हो सका। श्रीयुत भंडारकर महोदय ने अपने संग्रह में इसी ग्राम के एक दूसरे जैन लेख का उल्लेख किया है, यह लेख संवत् १३३३ की आश्विन सुदी १४ सोमवार का है। इस लेख में प्रथम भगवान महावीर की स्तुति की गई है और कहा गया है कि भगवान महावीर स्वयं श्रीमाल ( भीनमाल ) नगर में पधारे थे इसके बाद उक्त लेख में तस्कालीन राजनैतिक' परिस्थिति पर भी कुछ प्रकाश डाला गया है, उससे ज्ञात होता है कि संवत् १३३३ के लगभग श्रीमाल नगर मंत्री गजासिंह थे । इन्हीं महाराज चाचिकदेव में महाराजा कुल श्री चाचिकदेव, राज करते थे, और उनके का एक बड़ा लेख, जोधपुर राज्य के यशवंतपुरा गाँव से १० मील की दूरी पर सुँधा नामक टेकरी पर के चामुंडा देवी के मंदिर में मिला है, इस प्रशस्ति लेख की रचना श्रीदेवसूर्य के प्रशिष्य और रामचन्द्र सूरि के शिष्य जयमंगला चार्य्यं ने की थी। सुप्रख्यात पुरातत्व विद् प्रोफेसर फिल्होर्न ने ईसवी सन् १९०७ के एपीप्रकिया इण्डिका में यह लेख प्रकाशित किया है । .ܕ
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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