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________________ श्रीसवाल जाति का इतिहास हासिल की। आप प्रतिभाशाली युवक हैं तथा आत्मानन्द जैन हाई स्कूल कमेटी के मेम्बर हैं। आपके छोटे बन्धु बाबू ज्ञानदासजी ने सन् १९२८ में बी० ए० सन् १९३० में एम० एस० सी० तथा १९३३ में एल० एल० बी० की डिगरी प्राप्त की । आपका स्कूली जीवन बहुत प्रतिभापूर्ण रहा है । आप एफ० ए० तथा एल० एल० बी की परीक्षाओं में सारी पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रथम आये । इसके लिये आपको गोल्ड तथा सिल्वर मेडल भी मिले । आप आत्मानन्द जैन हाई स्कूल के ओल्ड वॉयज ऐसोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं । और भी आपका जीवन बहुत अनुकरणीय है । आपके छोटे बंधु बाबू सागरचन्दजी बी० ए० के अंतिम वर्ष में अध्ययन कर रहे हैं। आपका भी स्कूली जीवन बहुत उज्वल है। कई विषयों में आप युनिवर्सिटी में प्रथम रहे हैं। आपकी योग्यताओं का सम्मान गवर्नमेंट ने सर्टिफिकेट देकर किया था । इनसे छोटे सुमेरचन्दजी, गुजरानवाला गुरुकुल में पढ़ते हैं। लाला हरिचन्दजी यहाँ के पंच हैं। आपके टेकचन्दजी तथा दीवानचन्दजी नामक २ पुत्र हैं । इसी प्रकार लाला मुकुन्दीलालजी के पुत्र वीरचन्दजी तथा इन्द्रसेनजी के पुत्र प्रेमचन्दजी हैं । लाला मसानियामल आलूमल भाभू, अम्बाला इस खानदान का मूल निवास स्थान थनौर है । इस खानदान में लाला बहादुरमलजी मसानियामलजी हुए । इनका संवत् १९४० में स्वगवास हुआ। आपके पुत्र आलूमलजी संवत् १९६४ में स्वर्गवासी हुए । ओलूमलजी के लाला छज्जूमलजी लाला धर्मचन्दजी तथा लाला संतलालजी नामक तीन पुत्र हुए । आप अम्बाला के गवर्नमेंट की ओर लाला छज्जू मलजी माभू - आपका जन्म संवत् १९१४ में हुआ । प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं । तथा अम्बाला स्थानकवासी समाज के चौवरी हैं। से भी आप बाजार चौधरी रहे हैं। इसी प्रकार स्थानीय गौशाला के भी आनरेरी सुपरिटेण्डेण्ट रहे हैं । आपने अपने नाम पर अपने भतीजे लक्ष्मीचन्दजी को दत्तक लिया । बाबू लक्ष्मीचन्दजी स्थानकवासी समाज के मुख्य व्यक्ति हैं । आपकी वय ५० साल की है । आपके पुत्र रामलालजी, चिरंजीलालजी, जयगोपालजी, विमलप्रसादजी तथा जुगलकिशोरजी हैं। इनमें लाला रामलालजी तथा चिरंजीलालजी उत्साही युवक हैं, तथा स्थानकवासी सभा और जैन युवक मंडल के कामों में अग्रगण्य रहते हैं । आपके यहाँ "मसानियामक आलूमल" के नाम से बैकिंग, बजाजी, ज्वेलरी तथा सराफी व्यापार होता है। लाला संतलालजी - आप बड़े धर्मात्मा तथा समाज सेवी पुरुष थे। संवत् १९६३ में ४० साल की उम्र में आपका स्वर्गवास हुआ। आपके बाबूरामजी तथा प्यारेलालजी नामक १ पुत्र हुए। लाला बाबूलाल जी का जन्म संवत् १९४८ में हुआ । आप अम्बाला स्थानकवासी पंचायत के सेक्रेटरी तथा गवर्नमेंट की ओर से असेसर हैं। पंजाब स्था० जैन कान्फ्रेंस सेक्रेटरी भी आप रहे थे। इस समय उसकी प्रबन्धक कमेटी के मेम्बर हैं । आपके पुत्र टेकचन्दजी तथा पारसदासजी हैं । आपके यहाँ सूत दरो तथा बैग व्यापार होता है । लाला प्यारेलालजी भी यही व्यापार करते हैं । इनके पुत्र रोशनलालजी, अमरकुमारजी तथा श्यामसुन्दरजी हैं । ६०२ के पुत्र
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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