SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1273
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भाभ लाला बाबूलाल बंसीलाल भाभू. का खानदान, होशियारपुर इस खानदान के लोग श्वेताम्बर जैन स्थानकवासी आन्ननाय को मानने वाले हैं। इस खानदान के पूर्वज पहले टाण्डा ( पंजाब ) में रहते थे । वहाँ से लाला किशनचंदजी होशियारपुर आये । आपके लाला फोगूमलजी, धूमामलजी तथा गनपतरायजी नामक तीन पुत्र हुए। इस खानदान में लाला फोगूमल जी ने व्यापार और बैकिग का काम शुरू किया । तथा इसकी खास तरक्की लाला फोगूमलजी के पुत्र लाला चूकामलजी ने की । उस समय यह खानदान होशियारपुर में बिजिनेस की दृष्टि से पहला माना जाता था और अब भी इसकी वैसी ही प्रतिष्ठा है। लाला फोगूमलनी के तीन पुत्र हुए लाला पिण्डीमलजी चूकामलजी तथा गोविंदमलजी । इनमें से यह परिवार लाला चूकामलजी का है। लाला चूकामलजी के दो पुत्र हुए लाला कन्हैयालालजी और लाला रस्लूमलजी । लाला कन्ंया लालजी के लाला बाबू मलजी एवं लाला बंशीलालजी नामक दो पुत्र हैं। लाला बाबूमलजी के बनारसीदासजी रोशनलालजी एवं रतनलालजी नामक तीन पुत्र हैं। लाला बनारसीदासजी के हित कुमारजी नामक एक पुत्र हैं । बाला बंशीलालजी -- आप होशियारपुर की ओसवाल समाज में बड़े प्रतिष्ठात व्यक्ति माने जाते हैं । आप यहाँ भी म्युनसिपालिटी के कमिश्नर भी रहे हैं आप होशियारपुर की स्थानकवासी सभा के प्रेसिडेंट भी हैं। आप वैडिंग का व्यापार करते हैं। आपके पुत्र मदनलालजी ने एफ० ए० तक शिक्षा पाई है। तथा दिनेशकुमारजी एफ० ए० का अध्ययन करते हैं। तीसरे महेन्द्रकुमारजी हैं । लाला शिब्बूमल वजीरामल का खानदान, मलेर कोटला (पंजाब) इस खानदान के लोग जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी सम्प्रदाय को मानने वाले सज्जन हैं। इस इस परिवार में लाला इन्द्रसेनजी हुए। आपके पोलूमलजी, रोडामलजी, सौदागरमलजी एवं हीरामलजी नामक चार पुत्र थे। इनमें से यह खानदान लाला रोडामलजी का है । लाला रोडामलजी का स्वर्गवास संवत् १९१४ में हुआ। आपके लाला शिभूमलजी एवं लाला ज्योतिमलजी नामक दो पुत्र हुए । लाला शिभूमलजी का जन्म संवत् १९०१ में हुआ। ये इस खानदान में बड़े नामी व्यक्ति हुए हैं। आपका संवत् १९८० में स्वर्गवास हुआ। आपके लाला वजीरामलजी नामक एक पुत्र हुए। लाला ज्योतिमलजी का जन्म संवत् १९१६ में व स्वर्गवास संवत् १९७६ में हुआ । लाला वजीरामलजी का जन्म संवत् १९२३ में हुआ। आपके भ्रमरचन्दजी एवं करमचंदजी नामक पुत्र हैं। लाला अमरचंदजी का जन्म संवत् १९६० तथा करमचंदजी का संवत् १९६२ में हुआ । आप दोनों भाई इस समय अपनी फर्म का कारवार देखते हैं। आपदोनों बड़े सज्जन हैं। लाला अमरचंद जी के ज्ञानचंदजी एवं फूलचंदजी नामक दो पुत्र हैं। इस परिवार के लोग मलेर कोटला की ओसवाल समान में प्रतिष्ठित माने जाते हैं और आप यहाँ की बिरादरी के चौधरी हैं। लाला ज्योतिमलजी के पुत्र लाला मूलालजी अपना स्वतंत्र व्यापार करते हैं। इनके चंदनदासजी, बनारसीदासजी एवं रतनचंदजी नामक तीन पुत्र हैं। ६०३
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy