SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1176
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पोसवाल जाति का इतिहास संवत् १९४२।४३ में शरीरान्त हुआ, आपके नाम पर आपके चचेरे भ्राता हमीरमलजी के पुत्र गंभीरमलजी दत्तक आये । डागा गंभीरमलजी धार्मिक वृत्ति के पुरुष थे संवत् १९५४ की कुंवार सुदी ४ को आपका शरीरान्त हुआ। __डागा गंभीरमलजी के यहाँ सरदार शहर से संवत् १९६२ की बैशाख सुदी २ को डागा जसकरण जी दत्तक लाये गये। डागा जसकरणजी का जन्म संवत् १९५५ की मगसर सुदी ५ को हुभा । डागा जसकरणजी के ख्यालीरामजी, छगनमलजी व कुशलचन्दजी नामक ३ भ्राता विद्यमान हैं जो कलकत्ते में ख्यालीराम डागा व कुशलचन्द माणिकचन्द के नाम से अपना स्वतंत्र कारबार करते हैं। डागा जसकरणजी ने एफ० ए० तक शिक्षा प्राप्त की है। सामाजिक तथा देश सेवा के कार्यों की ओर आपकी खास रुचि है स्थानीय दादावाड़ी को नवीन बनाने में व उसकी प्रतिष्ठा में आपने बहुत परिश्रम उठाया इसके उपलक्ष में यहाँ के ओसवाल समाज ने अभिनंदन पत्र देकर आपका स्वागत किया। आपने मारवाड़ी छात्र सहायक समिति नामक संस्था को । हजार रुपयों की सहायता दी है तथा इस समय आप उसके मंत्री हैं, इसी तरह और भी सामाजिक और सार्वजनिक कामों में आप दिलचस्पी लेते रहते हैं । आपके पुत्र सम्पतलालजी पढ़ते हैं । आपके यहाँ भवानीदास अर्जुनदास के नाम से रायपुर में बैकिंग तथा बर्तनों का थोक व्यापार और भर्जुनदास गंभीरमल के नाम से राजिम में वर्तन तयार कराने का काम होता है। रायपुर की प्रतिष्ठित फर्मों में आपकी दुकान मानी जाती है। सेठ भीकमचन्द डागा, अमरावती इस परिवार का मूल निवास स्थान बीकानेर हैं। वहाँ से लगभग १२५ साल पूर्व सेठ हमीरमल जी डागा अमरावती भाये तथा यहाँ नौकरी की। इसके बाद आपने किराने का व्यापार किया । आपके पुत्र लखमीचन्दजी, हैदराबाद वाले सेठ पूरनमल प्रेमसुखदास गनेडीवाला के यहाँ मुनीम रहे। संवत् १९२८ में आपका स्वर्गवास हुआ। उस समय आपके पुत्र भीकमचन्दजी चार वर्ष के थे आपने होशियार होकर जवाहरात का व्यापार आरम्भ किया तथा इस व्यापार में अच्छी सम्पत्ति उपार्जित की । आप अमरावती के ओसवाल समाज में समझदार तथा प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं तथा यहाँ को पंचपंचायती व धार्मिक कामों में प्रधान भाग लेते हैं। आपके पुत्र रतनचन्दजी की वय १९ साल की है। इस समय आपके यहाँ जवाहरात, कृषि तथा सराफी का व्यापार होता है। सेठ तेजमल टकिमचन्द डागा, रायपुर इस परिवार के पूर्वज डागा तखतमलजी अपने मूल निवास बीकानेर से लगभग ८० साल पहिले रायपुर आये और कपड़े का व्यवसाय शुरू किया, आपके पुत्र चन्दनमलजी ने व्यवसाय को उन्नति दी। सेठ चन्दनमलजी के पुत्र तेजमलजी संवत् १९५२ की कातिक वदी १ को ३९ साल की आयु में स्वर्गवासी हुए । वर्तमान में इस दुकान के मालिक सेठ तेजमलजी डागा के पुत्र टीकमचन्दजी डागा हैं। आपका जन्म संवत् १९५४ में हुआ है। आप रायपुर के व्यापारिक समाज में अच्छी प्रतिष्ठा रखते हैं, तथा चांदी सोना और सराफी का व्यापार करते हैं। ५१६
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy