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________________ जरासन्ध ने मोटे-तगड़े भीम के साथ मल्ल युद्ध करना पसन्द कर अपने वीर-मानस का परिचय दिया। चौदह दिन युद्ध हुअा। जरासन्ध बूढ़ा था। थक गया था। हॉफ रहा था। ऐसी परिस्थिति का फायदा उठा कर युवक भीम ने श्रीकृष्ण का इशारा पाकर थके जरासन्ध को मार डाला । नीतिहीन जरासन्ध का बल निर्बल सिद्ध हुअा । जरासन्ध के बाद उसका पुत्र सहदेव मगध का राजा हुअा। बिम्बिसार का मगध कुछ विद्वानों का मत है कि बाहद्रथ वंश का अन्तिम राजा रिपुंजय था। इसका पुलिक नामक एक अमात्य था। पुलिक ने षड्यन्त्र करके रिपुंजय को मार डाला और अपने बालक नामक पुत्र को मगध की गद्दीपर बैठाया। इस प्रकार मगध के सिंहासन से सदैव के लिये बाहद्रथ वंश का अन्त हो गया । पर बालक का शासन ठीक से स्थापित न हो सका । मगध के क्षत्रियों की श्रेणी ने बालक के शासन को स्वीकार नहीं किया। उस काल में क्षत्रियों की, जिनमें अधिकतर सैनिक होते थे, अनेक ऐसी श्रेणियाँ थीं, जिनका संगठन राज्य से सर्वथा स्वतन्त्र होता था और जिनका सहयोग प्राप्त करना राजा के लिये परम आवश्यक माना गया है। मगध के क्षत्रिय श्रेणियों ने बालक के राज्य का विरोध किया। भट्टिय नामक ‘एक सरदार ने मगध में विद्रोह कराकर राज्य सिंहासन पर अधिकार कर बालक को मरवा डाला । पर भट्टिय स्वयं राज्य सिंहासन पर नहीं बैठा । उसने अपने लड़के बिम्बिसार को मगध के सिंहासन पर बैठाया । भट्टिय सैनिक दलों का नेता ही बना रहा। बाद में शायद बिम्बिसार मगध के राजा के साथ सैनिक दलों का नेता भी हो गया। इसीलिए उसे श्रेणिक बिम्बिसार भी कहते हैं। ____ यहीं से मगध में नाग-वंश का शासन स्थापित होता है। कुछ विद्वानों का मत है कि मगध में सबसे पहला नाग राजा शैशुनाग है। ‘पर कुछ लोग इसे नहीं मानते। हमारा काम इस विवाद में पड़ना नहीं
SR No.032629
Book TitleMagadh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBaijnath Sinh
PublisherJain Sanskruti Sanshodhan Mandal
Publication Year1954
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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