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________________ ....५० ....४० ....४० सहायकों को धन्यवाद... ॥ श्री जैन तपागच्छ धर्मशाला, फलोदी..................... ...६२५ श्री फलोदी चातुर्मास-व्यवस्था समिति, फलोदी (ज्ञानद्रव्य) us कवरलाल चेरीटेबल ट्रस्ट, चेन्नई ............ ........ १२५ Is M. M. Exporters (ह. : रमेश मुथा, चेन्नइ)..... १२५ - कलापूर्ण जैन आराधक मंडल, चेन्नइ is कोचर टेष्टाइल्स, फलोदी, चेन्नइ ............ ॥ एस. देवराजजी, चेन्नइ.......... ४० 3 जतनाबाई पारसमलजी लुक्कड़........... ॥ स्व. श्रीमती चंपाबाई । (W/o. श्री मुरलीधरजी मालू, चेन्नई - धोबीपेट, फलोदी).४० स्व. श्रीमती पानीबाई (W/o. श्री उदयराजजी बरड़िया, चेन्नई - टी.नगर, फलोदी)४० ॥ श्रीमान् कल्याणमलजी हीरालालजी वैद, चेन्नइ, फलोदी... ४० ॥ चेन्नइ - हस्तिनापुर यात्रिक संघ, चेन्नइ ...... Is साधर्मिक बंधु, चेन्नइ..... ......................... us गिरधारीलालजी कोचर, चेन्नइ..................................... Is B. E जसराज लुक्कड़ एन्ड सन्स, मन्नारगुडी, फलोदी (स्व. पू. आ. श्री की निश्रा में १२१ पू. साधु-साध्वीओं के साथ शत्रुजय डेम से शत्रुजय के छ'री पालक संघ (१९-५-२००० से २४-५-२०००) की स्मृति में) ........ २५ us सुजानमलजी अशोककुमारजी लुक्कड़, चेन्नइ-फलोदी....... २५ Is संतोषजी सोनी........... कच्छ वागड़ देशोद्धारक अध्यात्मयोगी पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजयकलापूर्णसूरीश्वरजी म.सा. का वि.सं. २०५७ का अंतिम चातुर्मास जन्मभूमि फलोदी में हुआ। पूज्यश्री के असीम उपकारों को हम कभी भूल नहीं सकते ।। __ पूज्यश्री सदा के लिए अपनी अमृतमय तत्त्व-वाणी से उपकार कर ही रहे है। चलो, पान करें अमृत-वाणी का... इन पुस्तकों के माध्यम से । १२
SR No.032620
Book TitleKahe Kalapurnasuri Part 04 Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherVanki Jain Tirth
Publication Year
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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