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________________ ३६६ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - २ साधर्मिक उत्कर्ष ट्रस्ट के स्थापक श्री प्रकाशभाई झवेरी . मूलत: उत्तर गुजरात के सुश्रावक श्री प्रकाशभाई झवेरी ने मुंबई में 'साधर्मिक भक्ति ट्रस्ट की स्थापना की है । जैन साधर्मिक बंधु अपने को मिलती हुई बिना व्याजकी लोन के द्वारा अपना और अपने परिवारजनों का आत्म कल्याण कर सकें ऐसा इस संस्थाका हेतु है । यह ट्रस्ट साधर्मिक भाई-बहनों को मूर्तिपूजक-स्थानकवासी तेरापंथी-दिगंबर आदि भेदभाव रखे 'बिना १० हजार रूपयों तक की लोन देता है । गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में इस ट्रस्ट के कुल ८० केन्द्र हैं । प्रत्येक केन्द्रमें एक मुख्य व्यवस्थापक होता है । लोन की अपेक्षा रखनेवाले साधर्मिक प्रथम निम्नोक्त पते पर विज्ञप्ति पत्र लिखते हैं, तब ट्रस्ट उनको लोन के लिए फोर्म भेजता है । उस फोर्म में पता, व्यावसायिक और कौटुम्बिक माहिति, रेशनींग कार्ड की नकल, तस्वीर, दो भरोसेमंद व्यक्तिओंकी सही एवं पता लिखने का होता है । इस तरह फोर्म की विधि पूर्ण होने के बाद स्थानिक केन्द्र द्वारा जाँच करवाकर उसका अभिप्राय मँगवाया जाता है। जहाँ स्थानिक व्यवस्थापक नहीं होते हैं वहाँ ट्रस्ट के कार्यकर्ता स्वयं जाकर जाँच कर लेते हैं । बाद में विज्ञप्ति करनेवाले साधर्मिक की योग्यता और ट्रस्ट की नियमावलि के अनुसार ट्रस्ट लोन को मंजुर या ना मंजुर करता है । स्वीकृत लोन का ड्राफ्ट व्यवस्थापक के उपर भेजा जाता है । व्यवस्थापक साधर्मिक को कोई भी एक धर्मक्रिया का नियम देकर ड्राफ्ट देता है । लोन का हप्ता व्यवस्थापक के पास भरने की व्यवस्था होती है। आज तक करीब १३०० साधर्मिकों को १ करोड़ से अधिक रूपयों की लोन दी गयी है। ट्रस्ट की साधर्मिक भक्ति की हार्दिक अनुमोदना । पता : साधर्मिक उत्कर्ष ट्रस्ट Clo. प्रकाशभाई झवेरी, २६८ राजा राममोहनराय रोड़, ओपेरा हाउस, मुंबई : ४००००४. फोन : ३६१४४७५
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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