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________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग (१) आजसे ७-८ साल पहले युवक जागृति प्रेरक प.पू. आ. भ. श्रीमद् विजय गुणरत्नसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रामें श्री जीरावल्ला पार्श्वनाथ तीर्थ में ३२०० आराधकों को श्रीनवपदजी की ओली की भव्य आराधना करवायी । १५०० आराधकों की व्यवस्था की गई थी मगर अकल्पित रूपसे ३२०० आराधक आ गये तो जंगल में रहे हुए उपर्युक्त तीर्थ में भी एक ही रात में सारा इन्तजाम करवा दिया !!! इस आयोजन में करीब ३५ लाख रूपयों का सद्व्यय करके महान् पुण्योपार्जन किया । ३६४ - (२) उपर्युक्त पूज्यपाद आचार्य भगवंतश्री की तारक निश्रामें मालगाँव से शत्रुंजय महातीर्थ का भव्यातिभव्य छ'री' पालक संघ निकाला, जिसमें शामिल हुए २७०० यात्रिकों को प्रत्येकको करीब १० हजार रूपयों के उपकरण आदि की प्रभावना दी । (३) मातृश्री सुंदरबाई भेरुमलजी संघवी के वर्षीतप के उपलक्ष में वि.सं. २०५१ में शत्रुंजय महातीर्थ में हजारों तपस्वीयों के सामूहिक पारणे का और बियासन का लाभ लिया । उस दिन शत्रुंजय महातीर्थ के सभी यात्रिकों को चांदी का बड़ा सिक्का देकर बहुमान किया । (४) मालगाँव से पालिताना के छ'री' संघ के दौरान शंखेश्वर महातीर्थ में २२०० अठ्ठम तप का सामूहिक भव्य आयोजन किया और प्रत्येक तपस्वी को ५०० रूपयों की सामग्री प्रभावना के रूपमें देकर बहुमान किया । (५) श्री जीरावल्ला तीर्थमें भोजनशाला का निर्माण करवाया । (६) श्री शत्रुंजय महातीर्थ की तलहटी के पास 'संघवी भेरु विहार' धर्मशाला का निर्माण करवाकर उपरोक्त पूज्यश्री की निश्रामें उद्घाटन करवाया । वहाँ हररोज सैंकड़ों पू. साधु-साध्वीजी भगवंतों की एवं साधर्मिकों की भक्तिका आयोजन किया जाता है । (७) देलवाड़ा तीर्थमें भोजनशाला भवनका निर्माण (८) अचलगढ तीर्थमें भोजनशाला भवनका निर्माण (९) शंखेश्वर तीर्थ में धर्मशाला की एक वींग का निर्माण (१०) श्री हस्तगिरिजी तीर्थमें नीर तृप्ति गृह निर्माण (११) वि.सं. २०५१ में शत्रुंजय महातीर्थ में श्री आदिनाथ भगवंत आदि जिनबिम्बों के १८ अभिषेक एवं स्वामी वात्सल्यका आयोजन (१२) पालिताना में शासनसेवापरायण जैनेतरों को उचितदान (१३) जीवदया और समाजसेवा
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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