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________________ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग ३६३ पिछले ४ वर्षोंमें प्रत्येक वर्षमें एक बार पालिताना, शंखेश्वरजी, जीरावला आदि तीर्थोंमें, अपने गाँवमें जिनालय, उपाश्रय, पांजरापोल आदिमें सहायता इच्छुक २०० से अधिक संघों के प्रतिनिधिओं को एक साथ बुलाकर करीब २-३ करोड़ की राशि के चेक उन्हें के. पी. संघवी ट्रस्ट द्वारा अर्पण किये जाते हैं । शंखेश्वर तीर्थ में आयोजित अनुमोदना समारोह में श्री के. पी. संघवी परिवार द्वारा आराधकरत्रों को चांदी का सिक्का अर्पण किया गया था एवं बहुरत्ना वसुंधरा भा. ३-४ (गुजराती) के प्रकाशन में भी सुंदर सहयोग दिया गया था । 1 यह ट्रस्ट उपरोक्त प्रकार के शासनसेवा के अनेकविध सत्कार्य करने के लिए उत्तरोत्तर सविशेष रूपसे सक्षम बने एवं मोक्षमार्ग में आगे बढने के लिए सभी को सहायक बनता रहे यही शुभेच्छा । १५३ पता : (१) श्री के. पी. संघवी परिवार २०१ अल्पा एपार्टमेन्ट, बडुंगरा नाका, लाल दरवाजा, सुरत (गुजरात) ३९५००१ फोन : ०२६१-४२१२५१-४२६१५३ (२) १३०१ प्रसाद चेम्बर्स, ओपेरा हाउस, मुंबई - ४००००४ फोन : ०२२- ३६३०३१५/३६३०४४९ "दानवीर" स्व. भेरूमलजी हुकमीचंदजी बाफना (मालगाँव-राजस्थान) परिवार के सुकृतों की अनुमोदना मालगाँव (जि. सिरोही - राजस्थान) निवासी स्व. संघवी भेरुमलजी हुकमीचंदजी बाफना एवं उनके ३ सुपुत्र श्री ताराचंदजी, मोहनभाई एवं ललितभाई के द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किये गये अनेकविध सुकृतों में से मुख्य मुख्य सुकृतों की संक्षिप्त तालिका अनुमोदना हेतु यहाँ प्रस्तुत की जा रही है ।
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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