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________________ ३६२ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - २ (१) श्री के. पी. संघवी रिलीजियस ट्रस्ट :- इस ट्रस्ट की और से जिनालयो के जीर्णोद्धार और नूतन जिनालय के निर्माण में सहयोग दिया जाता है । जिनालयों के लिए प्रभु प्रतिमाजी अर्पण किये जाते हैं । साथ में चाँदी के १४ स्वप्न, प्रभुजी का पारणा, त्रिगडा, भंडार, जिनमूर्ति एवं परमात्मा के चक्षु-टीका इत्यादि परमात्मभक्ति के रूपमें अर्पण किये जाते हैं। (२) श्री के. पी. संघवी चेरीटेबल ट्रस्ट :- भारत सरकार की और से "लाडला' राष्ट्रीय एवोर्ड को संप्राप्त इस ट्रस्ट की और से साधर्मिकों को आवश्यकता के अनुसार दवा आदि की सेवा और शैक्षणिक प्रवृत्तिमें सहाय दी जाती है । (३) तीर्थाधिराज श्री शेजय महातीर्थ की यात्रा हेतु पधारते हुए भक्तजनों को गिरिराज के उपर चढते एवं उतरते समय शीतल छाया और नैसर्गिक वातावरण मिले इस हेतुसे विशाल संख्या में वृक्षारोपण किया गया है। (४) श्री सिद्धाचलजी भक्ति ट्रस्ट : इस ट्रस्ट के द्वारा श्री शेजुंजय महातीर्थ में पधारते हुए पू. साधु-साध्वीजी भगवंतों की भक्ति, दीक्षार्थी भाई-बहनों की भक्ति एवं 'के. पी. संघवी भक्तिगृह' में पधारते हुए यात्रिकों की भक्ति की जाती है । (५) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भक्ति ट्रस्ट : इस ट्रस्ट के द्वारा प्रकट प्रभावी श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभुजी की भक्ति के लिए पधारते हुए पू. साधु-साध्वीजी भगवंतों की भक्ति एवं यात्रिकों के लिए सुविधायुक्त धर्मशाला बनवाने का कार्य निर्माणाधीन है । (६) श्री सुमति जीवरक्षा केन्द्र पावापुरी :- इस ट्रस्ट के द्वारा जीवदया के महान कार्य करने की ट्रस्ट के संचालकों की उँची भावना है। सिरोही जिले में कृष्णगंज (राजस्थान) में विशाल जगह के अंदर गौशाला-पांजरापोल के द्वारा जीवदया के अनेक प्रकार के कार्य करने का इस ट्रस्ट का आयोजन है। किसी भी जगह में कोई भी महाजन या संघ के द्वारा ३०० या उनसे अधिक पशुओं का समावेश हो सके ऐसी पांजरापोल का निर्माण होता हो तो इस केन्द्र के द्वारा ५ लाख रूपयों का दान दिया जाता है!
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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