SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 275
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १९८ बहुरत्ना वसुंधरा : भाग - २ इसलिए ऐसी अनुभूतियों का समन्वय इस प्रकारसे हो सकता है कि -महामंत्रके जपसे एवं साधक की हृदय शुद्धिसे आकर्षित कोई शासन देव साधककी श्रद्धाको सुदृढ बनाने के लिए और महामंत्र का प्रभाव फैलाने के लिए विविध प्रकार के दृश्य साधक को दिखलाते हैं और साधक को सहाय भी करते हैं। दूसरी बात यह है कि हमारी बुद्धि की सीमा होती है, इसलिए ऐसी अतीन्द्रिय बातें बुद्धिगम्य या तर्क गम्य नहीं किन्तु श्रद्धागम्य होती हैं। आत्मा की अनंत शक्तियों, लब्धियों और सिद्धियों का निर्देश शास्त्रोंमें किया गया है। इसलिए विशिष्ट कोटिके साधक संकल्प सिद्ध हो सकते हैं । वे जो भी संकल्प करते हैं उसको पूरा करने के लिए प्रकृति हर तरहसे सहयोग देती है। इसलिए उपरोक्त प्रकारकी अनुभूतियाँ होना असंभवित नहीं हैं। ___ अन्य भी कुछ विशिष्ट साधकों को इस प्रकार की अनुभूतियाँ होने की बातें उन्हीं के श्री मुख से हमने सुनी हैं । इसलिए ऐसी आंतरिक अनुभवों की बातों को कपोलकल्पित नहीं मानना चाहिए, किन्तु श्रद्धापूर्वक स्वीकार करके निष्ठा पूर्वक साधना द्वारा ऐसे अनुभवों को संप्राप्त करने के लिए सुज्ञ आत्माओं को कटिबद्ध बनना चाहिए । ऐसे अतीन्द्रिय अनुभवों की वास्तविक बाते भी किसीका वादविवाद शंका-कुशंका या कुतर्क का निमित्त कारण न बनें ऐसी भावना से ही अधिकांश साधक ऐसे अनुभवों को सद्गुरु या श्रद्धासंपन्न किसी सुपात्र आत्मा को छोड़कर अन्य जीवों को निवेदन करना नहीं चाहते हैं। फिर भी अन्य साधकों को साधना में सविशेष रूप से प्रोत्साहन मिले और तटस्थ विचारकों को मध्यस्थ बुद्धिसे विचार करने के लिए शुभ आलंबन मिले ऐसे शुभ आशय से इतने स्पष्टीकरण के साथ इन अनुभवों को यहाँ प्रस्तुत किया गया है । धीरजभाई के घर के सभी सदस्य नवकार महामंत्र की आराधना में लीन हैं । धीरजभाई जहाँ भी जाते हैं वहाँ अनेक आत्माओं को नवकार महामंत्र के जप की महीमा एवं विधि समझाकर नवकार की आराधनामें जोड़ते रहते हैं।
SR No.032468
Book TitleBahuratna Vasundhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year1999
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy