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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? से करना। सच्चे हदय का स्मरण चाहे वैसे संकट को दूर कर देता है। मेरी तरह आप सभी को श्री नमस्कार महामंत्र की उपासना फलदायी हो ऐसी प्रार्थना करता हूँ। (2) यह बात भी 10 वर्ष पहले घटित हुई है। तब मैं वडाला अपने मौसा-मौसी के घर रहता था। वहां से बस में जाने हेतु मौसा और में दोनो जन ट्रेन से कुर्ला होकर भायखला रेल्वे स्टेशन पर उतरे। वहां से टेक्सी पकड़कर मुम्बई सेन्ट्रल जाना था। थोड़ी देर राह देखने के बाद एक टेक्सी वाला आया। उसे पूछा तो उसने हां कही। फिर वह अलग-अलग रास्तों से ले जाने लगा। इसलिए मेरे मौसा ने पूछा कि, 'भाई, तुम ऐसे अलग-अलग रास्तों से कहां ले जा रहे हो?' तो कहा कि, 'तुम्हें मुम्बई सेन्ट्रल जाना है, फिर क्यों चिन्ता करते हो। आपको सही पहुंचा दूंगा। आज मेरे धंधे की शुरुआत नहीं हुई है, अब बराबर हो जायेगी।' उसने बीच में एक मवाली जैसे आदमी को बिठा दिया। इसलिए मैंने मौसा को कहा कि, 'लगता है यह अपने का फंसा रहा है।' मैंने नमस्कार मंत्र का रटन चालु कर दिया और थोड़ी देर बाद वह मवाली जैसा जो आदमी था वह रास्ते में उतर गया और उसके बाद टेक्सी वाले ने हमको बराबर | मुम्बई सेन्ट्रल छोड़ दिया। वह भी कम किराये पर। मुझे तो यह बात श्री नमस्कार महामंत्र की उपासना का ही स्पष्ट अनुभव रूप लगती है। (3) जब-जब हम हमारे गांव (जामनगर) से मुम्बई आते, तब हमारे दादी मां, जिनकी उम्र 80 वर्ष की थी, वह हमें सलाह देते कि बाहर गांव जाने से पहले जिनेश्वर प्रभु के पास जाकर बारह नवकार गिनना और फिर जाना। तुम्हें कभी कोई विघ्न नहीं आयेगा। नवकार मंत्र का स्मरण जीवन भर रखना। सुबह उठते समय एवं रात को सोते समय बारह-बारह नवकार अवश्य गिनना। यह उनकी नमस्कार मंत्र की अगाध श्रद्धा थी। उनकी दी हुई सलाह का हम अब तक अवश्य पालन करते हैं। कई बार इसका उत्तम फल मिला है। लेखक - श्री अनिलकुमार के. गुटका 290/2 पूजा एपार्टमेन्ट, केप केनेरी, तीसरी मंजिल, रुम नं. 14, मंगल भवन के पीछे, भिवण्डी - 421302 343
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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