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________________ -जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार ? शशिकांत भाई ने वह खाली कमरा ले लिया और प्रतिदिन नवकार मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा से करने लगे। वह 12 वर्ष तक वहां रहे, किंतु उन्हें किसी उपद्रव का अनुभव नहीं हुआ। उनकी धर्म और नवकार के प्रति श्रद्धा ज्यादा दृढ़ बनी। आज वे ईडर में बहुत ही अच्छी आराधना कर रहे हैं। "बरसात का विघ्न टला" अहमदनगर (महाराष्ट्र) में छत्तीस करोड़ नवकार मंत्र के आराधक पू. आ. देव श्री यशोदेवसूरिजी म.सा. का चातुर्मास था। तब एक शासनप्रभावक भव्य वरघोड़ा निकलने वाला था किंतु उसी ही दिन बहुत बरसात हुई। पूरी तैयारी होने से वरघोड़ा बंद नहीं रहना चाहिये ऐसा सोचकर आचार्य श्री ने केवल अपना हाथ ऊँचा करके कहा- 'बरसात! बंद हो जाओ।" तुरंत बरसात बंद हो गई और वरघोड़ा अच्छी तरह से सम्पन्न होने के बाद वापिस बरसात चालु हो गई। 44. "मुसलमान नवकार गिनता है" शंखेश्वर के पास कुंवारद नाम का छोटा गांव है। वहां एक बूढ़ा मुसलमान रहता है। गांव में शिखरबद्ध जिनालय है। वह बूढ़ा प्रतिदिन दर्शन करने जाता है। वह लगभग सारा दिन " चत्तारिमंगलं " आदि 4 शरण और नवकार मंत्र का जाप करता रहता है। वह कहता है कि, " कोई भी कार्य रुक जाता है, तो मैं पूर्ण करा सकता हूँ।" वह बहुत साधु-साध्वीजी के परिचय में आया है। उसके जाति भाइयों ने उसे समझाया कि- " तुम जैन मंदिर क्यों जाता है?" मगर वह कहता है ' वही सत्य है, इसलिए मैं तो वहां जाऊँगा।" उसने मांसाहार आदि का त्याग किया है। वह भविष्य की कोई-कोई बातें भी पहले से कह देता है। " दुर्घटना से बचे" बारामती (महाराष्ट्र) के पास में सेटफल नाम का छोटा-सा गांव है। उसमें जैनों के दो घर हैं। एक बार एक भाई को वहां से सोलापुर व्यापार करने जाना पड़ा। वह भाई वापिस आते ट्रक में बैठे-बैठे नवकार गिनने लगा। ट्रक में आठ भाई थे। ट्रक दो किलोमीटर गया कि पेड़ के साथ 229
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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