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________________ - जिसके दिल में श्री नवकार, उसे करेगा क्या संसार? महामंत्र रक्षक बनता है।" विराट की मंजिल अब दूर नहीं थी! वह थोड़ा चला, वहां तो 'सोनगढ़' के सिग्नल उसे दिखाई दिये! जब सोनगढ़ के प्लेटफॉर्म पर विराट ने कदम रखे, तब पालीताणा जाने वाली ट्रेन उसकी राह देखती खड़ी थी। विराट ने उस ट्रेन में अपना आसन बिछाया, तब उसके अंतरंग के कोने-कोने को रोंदकर वायुमण्डल में बहता एक अन्तर्नाद महामंत्र के अद्भुत सामर्थ्य को गाता गाता अनन्त में विलीन हो रहा था 'तब चाहे जैसी अंधकारमय घाटी में फंसे हुए महामंत्र के साधक को राह मिलती है और वह गुमराह हुआ साधक अपनी मंजिल को प्राप्त करता है; जब महामंत्र रक्षक बनता है।' लेखक - प.पू.आ. श्री वि.पूर्णचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. -श्रद्धा और मंत्र की ताकत श्रद्धा तो आश्चर्यमयी शक्ति सम्पन्ना एक चमत्कारिक वस्तु है। ऐसी श्रद्धा का जिसके पास सहारा नहीं होता, ऐसे इन्सान के सामने भगवान भी खुद खड़े हो जाएं, तो भी इसके लिए पत्थर के पुतले जैसे ही साबित होते हैं। और श्रद्धा का जिसे सहारा हो, ऐसे श्रद्धालु को प्रभु की प्रतिमा दर्शन दे, तो भी इस दर्शन में से साक्षात् प्रभु को प्राप्त करने की धन्यता वह अनुभव कर सकता है। यह ताकत श्रद्धा की है। ऐसी अतुल-बली श्रद्धा की ताकत और मंत्राधिराज श्री नमस्कार की बेजोड़ ताकत का संगम प्राप्त कर कैसा चमत्कार सर्जित करती है, इसके प्रत्यक्ष वर्णन की यह एक सत्य घटना है। इस घटना के नायक को हम 'जिनदास' के नाम से पहचानेंगे। क्योंकि सही नाम प्रकट करने की इसकी कीर्ति-कामना नहीं है। गुप्तता की गुफा में रहने में खुशी अनुभव करते ये विरले आदमी हैं। ... 104
SR No.032466
Book TitleJiske Dil Me Navkar Use Karega Kya Sansar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahodaysagarsuri
PublisherKastur Prakashan Trust
Publication Year2000
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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