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________________ (39) पृ. सं. पृ.सं. ३१५ ३१६ ३१७ ३१९ ३४९ ३४९ ३५० ३५० ३५१ ३५२ ३५२ ३१९ ३२० ३२० ३२० ३२२ ३२२ ३२३ ३२४ ३२४ ३२४ ३२४ ३२६ ३२६ ३५३ ३५३ ३५४ ३५४ ३५४ ३५७-३६१ कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद गंडादिपरिकर्म-पद कृमि-पद नखशिखा-पद दीर्घरोम-पद दंत-पद ओष्ठ-पद दीर्घरोम-पद अक्षिपत्र-पद अक्षि-पद दीर्घरोम-पद मलनिर्हरण-पद शीर्षद्वारिका-पद उच्चार-प्रस्रवण-पद अन्यतीर्थिक-अगारस्थित-पद पार्श्वस्थ आदि का दान-ग्रहण-पद याचना-निमंत्रणा-वस्त्र-पद पादपरिकर्म-पद कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद गंडादिपरिकर्म-पद कृमि-पद नखशिखा-पद दीर्घरोम-पद दंत-पद ओष्ठ-पद दीर्घरोम-पद अक्षिपत्र-पद अक्षि-पद दीर्घरोम-पद मलनिर्हरण-पद शीर्षद्वारिका-पद उपकरणजात-धरण-पद उपकरणजात-धावन-पद टिप्पण ३२९ सोलहवां उद्देशक आमुख शय्या-पद इक्षु-पद अटवीयात्रा-ग्रहणैषणा-पद वसुरात्निक-पद व्युद्ग्रहव्युत्क्रान्त-पद विहारप्रतिज्ञा-पद जुगुप्सित-पद अशनादि-निक्षेपण-पद अन्यतीर्थिक-अगारस्थित के साथ भोजन-पद आशातना-पद अतिरिक्त-उपधि-पद उच्चार-प्रस्रवण-पद टिप्पण सत्रहवां उद्देशक आमुख कुतूहल-प्रतिज्ञा-पद पादपरिकर्म-पद कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद गंडादिपरिकर्म-पद कृमि-पद नखशिखा-पद दीर्घरोम-पद दंत-पद ओष्ठ-पद दीर्घरोम-पद अक्षिपत्र-पद अक्षि-पद दीर्घरोम-पद मलनिर्हरण-पद शीर्षद्वारिका-पद पादपरिकर्म-पद कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद ३६७ ३७१ ३७२ ३२९ ३३० ३३१ ३३२ ३७३ ३७४ ३७६ ३७६ الله ३३३ الله ३७६ ३३४ ३३५ الله ३७७ WW ३३६ ३३७ ३७८ ३७९ ३७९ ३७९ ३८० ३८१ ३८१ ३३८ ३३८ ३८१ ३३८ ३३९ ३४०-३४३ ३८२ ३८३
SR No.032459
Book TitleNisihajjhayanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Srutayashashreeji Sadhvi
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2014
Total Pages572
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size16 MB
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