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________________ (38) पृ. सं. पृ. सं. २२७ २२८ सलोमचर्म-पद परवस्त्राच्छादितपीठ-पद निर्ग्रन्थी-संघाटी-पद स्थावरकाय-समारंभ-पद वृक्षारोहण-पद २५३ २५४ २५४ २२९ २३० २५४ २३२ २५४ २५५ गृही-पद २३२ २३३ २५५ २३४ २३५ २३५ २५५ २५८ २५८ २५९ २३५ २३६ २३७ २५९ २६० २६० २६० २६२-२६९ २३७ पादपरिकर्म-पद कायपरिकर्म-पद व्रणपरिकर्म-पद गंडादिपरिकर्म-पद कृमि-पद नखशिखा-पद दीर्घरोम-पद दंत-पद ओष्ठ-पद दीर्घरोम-पद अक्षिपत्र-पद अक्षि-पद दीर्घरोम-पद शीर्षद्वारिका-पद भयोत्पादन-पद विस्मापन (विस्मयकरण)-पद विपर्यास-पद मुखवर्ण-पद वैराज्य-विरुद्धराज्य-पद दिवाभोजन-अवर्ण-पद रात्रिभोजन-वर्ण-पद दिवारात्रि-भोजन-पद परिवासित-पद संखडी-पद निवेदन (नैवेद्य)-पिण्ड यथाच्छन्द-पद अनल-पद सचेल-अचेल-पद परिवासित-पद बालमरण-पद टिप्पण बारहवां उद्देशक आमुख कारुण्यप्रतिज्ञा-पद प्रत्याख्यान-भंग-पद परित्तकायसंयुक्त-पद २७५ २७६ २७६ २३८ २३७ २३८ २३८ २३८ २३८ २३९ २३९ २४० २४० २४० पुरःकर्म-पद चक्षुदर्शनप्रतिज्ञा-पद रूपासक्ति-पद कालातिक्रान्त-पद मार्गातिक्रान्त-पद गोमय-पद आलेपनजात-पद उपधिवाहन-पद महानदी-पद टिप्पण तेरहवां उद्देशक आमुख पृथिवी-पद दारु-पद अन्तरिक्षजात-पद अन्यतीर्थिक-अगारस्थित-पद आत्मदर्शन-पद चिकित्सा-पद पार्श्वस्थादि-वंदन-प्रशंसन-पद पिण्ड-पद टिप्पण चौदहवां उद्देशक आमुख प्रतिग्रह-पद टिप्पण पन्द्रहवां उद्देशक आमुख परुष वचन-पद आम्र-पद पादपरिकर्म-पद २७७ २७९ २७९ २८० २८२ २८४-२९१ २४१ २४१ २४२-२४८ २७७ ३०४-३०७ २५३ ३१३ २५३ ३१४ ३१४ २५३
SR No.032459
Book TitleNisihajjhayanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragya Acharya, Mahashraman Acharya, Srutayashashreeji Sadhvi
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2014
Total Pages572
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size16 MB
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