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________________ ६५-६६ . . ६६-७८ ६६-७८ गाथा-१७ जीव द्वारा योगों से किया जाने वाला कार्य गाथा-१८, १९,२० परमाणुवर्गणा मानने का हेतु वर्गणा का लक्षण जीव द्वारा ग्राह्यवर्गणा का परिमाण जीव-ग्रहणप्रायोग्य वर्गणाओं के नाम औदारिकशरीरवर्गणा वैक्रियशरीरवर्गणा आहारकशरीरवर्गणा तेजसशरीरवर्गणा भाषावर्गणा श्वासोच्छ्वासवर्गणा मनोवर्गणा • कार्मणशरीरवर्गणा औदारिक आदि वर्गणाओं के वर्णादि · · औदारिक आदि वर्गणाओं के प्रदेशों का परिमाण ... ध्रुवादि अग्रहण वर्गणाओं के नाम और उनके लक्षण वर्गणाओं के वर्णन का सारांशदर्शक प्रारूप गाथा-२१ - सलेश्य जीव की योग द्वारा पूदगलों को ग्रहण करने की प्रक्रिया 'स्नेहप्ररूपणा के प्रकारों के नाम और उनके लक्षण ७८-८० ७८ गाथा-२२ स्नेहप्रत्ययस्पर्धकप्ररूपणा स्नेहप्रत्ययस्पर्धक में वर्गणाओं का प्रमाण स्नेहाविभाग का लक्षण स्नेहप्रत्ययस्पर्धकों की वर्गणाओं की प्ररूपणा के प्रकार अनन्तरोपनिधाप्ररूपणा द्वारा स्नेहप्रत्ययस्पर्धकों की वर्गणाओं का निरूपण परंपरोपनिधाप्ररूपणा द्वारा स्नेहप्रत्ययस्पर्धक की वर्गणाओं के निरूपण का प्रथम प्रकार . परंपरोपनिधाप्ररूपणा द्वारा उक्त वर्गणाओं के निरूपण का द्वितीय प्रकार पांच हानियों में वर्गणाओं का अल्पबहत्व पांच हानियों में परमाणुओं का अल्पबहुत्व गाथा-२३ नामप्रत्ययस्पर्धकप्ररूपणा के अनुयोगों के नाम और उनका निरूपण बंधनयोग्य परमाणुओं का अल्पबहुत्व प्रयोगप्रत्ययस्पर्धकप्ररूपणा : स्नेहप्रत्ययस्पर्धक आदि तीनों प्ररूपणाओं के परमाणुओं का अल्पबहत्व .
SR No.032437
Book TitleKarm Prakruti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain
PublisherGanesh Smruti Granthmala
Publication Year1982
Total Pages362
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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