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________________ अठाईस राजस्थानी पृष्ठांक हिन्दी पृष्ठांक २१५ २१६ २१६ २१६ २१६ २१८ २१८ २१९ २१९ 90 9 IS २२० २२० . २२० २२१ US २२१ २२१ क्रमांक २४३. जोड़े ते आछो के तौड़े ते आछो २४४. यूं जोड़ा छां २४५. मोनै साता उपजावं २४६. थांने धन है २४७. कठे दर्शन देवू ? २४८. धरम हुवै के पाप ? २४९. म्हे इसो काम न करावां २५०. पाने पड़पो सो ही खरो २५१. अन्यायी नै पाधरी करे २५२. हूं पिण मिनखां ने भेळा करूं २५३. भगवान री समरण कर २५४. पांच रुपिया तो कठीने जावै ? २५५. बापरां रौ जमारौ बिगड़ती दीसे है २५६. और ही घणी चरचा है २५७. संसार रे मोह की ओळखांण २५८. संतोष आय गयो २५९. मन मै आई तो खरी २६०. गृहस्थ र भरोस रहिणी नहीं २६१. हूं मार्ग जाणूं छू २६२. इसा जगत में बुद्धिहीण २६३. भाठौ न्हाख तौ ? २६४. एकेन्द्री कद कह्यौ ? २६५. विलापात किया कांई हुवै ? २६६. दान-दया उठाय दीधी २६७. झूठी अर्थ घालणी कठे ? २६८. मुदै बोल बैठा २६९. कोरो सुणीयां न जाय २७०. आ बा ही है २७१. सेंहदी जागां छूट नाहीं २७२. हिंसा रा कामी २७३. बखांण सीख २७४. बखांण थोड़ा २७५. नदी रे दो तीरां पर २७६. म्हे या न जाणता २७७. थारै लेखण काढ़वा रा त्याग है २२२ १०० १०० २२२ २२३ २२३ १०१ १०१ १०१ २२३ २२३ २२४ २२४ १०२ २२४ २२५ २२५ १०३ १०३ १०४ १०४ २२५ २२६ २२६ २२६ २२६ २२७ २२७ १०४ १०५ १०५
SR No.032435
Book TitleBhikkhu Drushtant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayacharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva harati
Publication Year1994
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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