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________________ २०४ ०० x x x २०८ सताईस क्रमांक राजस्थानी पृष्ठांक हिन्दी पृष्ठांक २०८. पोथी पानां नै ज्ञान २०३ २०९. पुन्य के मिश्र? ८२ २०३ २१०. हिंसा बिना धर्म नहीं हुवै तौ ? २११. है रे कोई वैरी ? २०४ २१२. सूता सूता करवा रौ ठिकाणो २१३. महात्मा धर्म २१४. नीत लारै बरकत २१५. एक आखर रौ फरक २०५ २१६. परिग्रह किणरौ ? २०५ २१७. ओळ्यां खांगी क्यूं ? २०६ २१८. व्याकरण भण्यां हो ? २०६ २१९. केवली राज किम करै ! २०६ २२०. बुद्धि बिनां समदृष्टि किम हुवै ? २०७ २२१. ओ पिण धर्म कहिणौ . २२२. थारे पिण बैठी दीसै छ २०८ २२३. असुद्ध वासण में घी कुण घाल २२४. पोते गळे जद वस्त्र रै रंग चढ़ाव २२५. सरधणा एक, पर फर्सणा जुदी २२६. बात नहीं, बतुओ प्यारो २०९ २२७. जागां तौ परिग्रह मांही है २०९ २२८. सामायक री जाबता २१० २२९. पोसा में पडिलेहण क्यूं ? २१० २३०. सो व्रत अनै अव्रत दोनूं ई सूक जावै २११ २३१. मून पारसी २३२. खोल नै दै तौ ल नहीं २१२ २३३. इहलोक-परलोक में भंडा दीस २१२ २३४. मारग कांई ओळख्यौ ? २१३ २३५. वर्तमान काल में मून २१३ २३६. नीलोती खावा नै २१३ २३७. काचरियां रौ अटक्यौ किसी विवाह रहे है ? २१३ २३८. जमारो एहल ईज गयो २१३ २३९. इसी थांरी दया २४०. कटार कोई पूणी नहीं है २१४ २४१. जद एक हो जावै २१४ २४२. ठंडी रोटी जीव क अजीव २१५ २११ २१४
SR No.032435
Book TitleBhikkhu Drushtant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayacharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva harati
Publication Year1994
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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