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________________ बाईस राजस्थानी पृष्ठांक हिन्दी पृष्ठांक १३३ १४ १३३ १३४ १३४ १३४ १३४ १३५ १३५ سه سه س १३६ १३६ १३७ १३७ १३८ १३९ कमांक ३१. वस्त्र राखणी क नहीं? ३२. रोटी र वास्ते कियां छोडूं ? .. ३३. समझाण री कला ३४. जिसौ देव विसौ पावै ३५. भैंस ब्यावै जद पधारो ३६. धसके स्यूं तो ताव न चढ्यौ ३७. जमाई रोवा लाग जावै जद . ३८. थारो धणी किण सूं भूवो? ३९. डेरो मिल्या किसौ ज्ञान आय जावै ४०. का कितरां ने कं कितरा ? ४१. एक भागां पांचूं भांगे ४२. कठिनाई में भी अडोल ४३. मेरण्यां रो मोह ४४. घणो धर्म किण नै ? (१) ४५. घणो धर्म किण नै ? (२) ४६. इसा पोता चेला चाहिजे नहीं ४७. किण न्याय ? ४८. आसौजी ! जीवौ छो के ? ४९. साचा तो म्हांने ही कीधा ५०. एकलड़ो जीव ५१. आत्मा सात के आठ ? ५२. समगत रहणी कठण ५३. उठो! पडिकमणौ करो ५४. नगजी सामी रो तेज ५५. संका है तो चरचा करां ५६. सीख किणने ? ५७. कहणो कोनी ५८. लड़नौ ह्व तो म्हातूं लड़ ५९. चोका रा नैहता, जीमा एकीका ने. ६०. दीवाळ्यो कुण? ६१. समझ जाण ६२. पाप क्यां नै ह? ६३. घर किणरौ ? ६४. म्है कद कह्यौ ? ६५. मारणा इ छोड़ो ६६. दोष री थाप सूं साधपणौ किम रहसी ? १३९ "०००० १४१ १४१ १४१ १४२ १४२ १४२ १४३ १४३ १४३ १४४ १४४ १४५ १४५ १४५
SR No.032435
Book TitleBhikkhu Drushtant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayacharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva harati
Publication Year1994
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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