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________________ अनुक्रम १२२ क्रमांक राजस्थानी पृष्ठांक हिली पृष्ठांक १. बात करामात १२१ २. उपगार ईज कीधी १२१ ३. चोखो-खोटी १२२ ४. निकमो आरंभ ५. राजीपो के वेराजीपो १२३ ६. राग-धेष १२३ ७. सिरोही राव रौ पालखी १२३ ८. जिसो संग, विसो रंग १२४ ९. सांकड़ा हता-हता हुस्यां १२४ १०. साध-असाध १२४ ११. सरधा अन परूपणा रो भेद १२५ १२. देवलोक रो जावणहार या नरक जावणहार ? १२६ १३. म्हारै अवगुण काढणा इज है। १२६ १४. सातो १२७ १५. थारे पाने नरक ईज पड़ी १२७ १६. किण बात रो प्राछित्त १२७ १७. दोरो घणो लागी १२८ १८. रात छोटी ने मोटी १९. झालर विवाह री के मूंआ री १२८ २०. जिसौ गुल विसौ मीठो १२८ २१. खेती गांव रे गोरवं १२९ २२. लाडू खांडौ है पिण चोगुणी रौ १२९ २३. निखेदणी जरूरी १२९ २४. हिंसा में पुन कियां १२९ २५. कुण तार काढ़े ? २६. ओ झगड़ो म्हां सूं नहीं मिटे ? १३० २७. सूखा ठूठां नै काई दाही लागे ? २८. नुखते रा लाडू १३१ २९. श्रावक ने कसाई सरीखा १३१ ३०. तार मात्र वस्त्र राखणो नहीं १३२ rrrrrm »»xxur १ १ ११७" १२८ .. १३० ....xxx १३१
SR No.032435
Book TitleBhikkhu Drushtant
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayacharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva harati
Publication Year1994
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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