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________________ सन्दर्भ ग्रंथ-सूची मूल ग्रंथ 1. अपभ्रंश काव्यत्रयी, जिनदत्त सूरिकृत, सम्पा. लालचन्द्र भगवानदास गाँधी, ओरियण्टल/ इन्स्टीट्यूट, बड़ौदा, 1927. 2. अपभ्रंश व्याकरण, आचार्य हेमचन्द्रकृत, प्रो. शालिग्राम उपाध्याय, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, 1965. / 3. आदिपुराण, जिनसेनाचार्यकृत, सम्पा. पन्नालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई दिल्ली, तृतीय संस्करण, 1988. 4.., आराधना कथा प्रबन्ध, प्रभाचन्दकृत, भाषा-अनु. रमेशचन्द्र, आचार्य शान्तिसागर स्मृति ग्रन्थमाला, बुढ़ाना (उ.प्र.), 1990 आराधना प्रकरण, सोमसूरि विरचित, सम्पा. जिनेन्द्र जैन/सत्यनारायण भारद्वाज, जैन अध्ययन एवं शोध-संस्थान, जबलपुर, 2002. 6. आवश्यक नियुक्ति, आचार्य भद्रबाहुकृत, सम्पा. समणी कुसुम प्रज्ञा, जैन विश्वभारती, लाडनूं, 2001. 7. करकंडचरिउ, मुनि कनकामर, सम्पा. हीरालाल जैन, जैन सिरीज कारंजा, (प्रथम संस्करण, ___1934), भारतीय ज्ञानपीठ काशी, द्वितीय संस्करण, 1964. 8. काव्यदर्पण, विद्यावाचस्पति, सम्पा. रामदहिन मिश्र, ग्रंथमाला कार्यालय, पटना, 1960. 9. काव्यप्रकाश, आचार्य मम्मट, सं. नागेन्द्र, ज्ञान मण्डल लिमिटेड, पंचम संस्करण, वि.सं. 2031. 10. काव्यमीमांसा, राजशेखरकृत, गायकवाड़ सीरीज-1, बड़ौदा, 1924. 11. काव्यादर्श, दण्डी, अनु. ब्रजरत्नदास, श्री कमलमणि, ग्रन्थमाला, काशी. 12. काव्यालंकार, भामहकृत, चौखम्बा, संस्कृत सीरीज, वाराणसी.. 13. काव्यालंकार, रुद्रटकृत, नमिसाधु टीका सहित, काव्यमाला सीरीज, बम्बई, 1909. 14 जम्बूसामिचरिउ, वीरकविकृत, सम्पा. विमल प्रकाश जैन, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, 1966.1 15. जसहरचरिउ, पुष्पदन्तकृत, सम्पा. पी.एल. वैद्य, जैन सिरीज कारंजा, 1931. 16. देशी नाममाला, आचार्य हेमचन्द विरचित, सम्पा. आर. पिशेल, भण्डारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना, 1989. 17. णायकुमारचरिउ, पुष्पदन्तकृत, सम्पा. हीरालाल जैन, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, 1972./
SR No.032434
Book TitleVarang Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumat Kumar Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages250
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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