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________________ 'बेटा! नारी का सही सुख और रूप मातृत्व में छुपा होता है। तुम्हारा विवाह हुए बारह वर्ष बीत गए... नन्हें बालक के कलरव के बिना भवन सूनासूना सा लगता है। क्या तुझे ऐसा अनुभव नहीं होता?' पद्मदेव बोला-'मां! यह तो भाग्य का खेल है। फिर भी मैं राजवैद्य को बुला कर जांच करा लूंगा।' मां प्रसन्न हो गई। दूसरे दिन...... राजवैद्य की बात भूलकर पद्मदेव और तरंगलोला दोनों भवन के पीछे के उपवन में जाने लगे। उपवन अत्यंत सुंदर और मनमोहक था। उपवन के द्वार पर जाते ही द्वारपाल ने कहा-'सेठजी! आज उपवन में मुनिवर पधारे हैं।' 'मनिवर!' पद्मदेव ने आश्चर्य व्यक्त किया। 'हां, सेठजी! वे उपवन के एक अशोक वृक्ष के नीचे ध्यानस्थ खड़े हैं,' माली ने कहा। 'चलें, हम मुनिदर्शन करें।' तरंगलोला ने कहा। दोनों सचित्त वस्तुएं-पुष्पमालाएं आदि वहीं छोड़कर मुनि के पास पहुंचे ..... मुनिश्री ध्यानस्थ थे...... उनके नेत्र अर्ध मुंदे हुए थे..... हाथ सीधे थे...... उनके शरीर पर केवल एक जीर्ण वस्त्र था...... तरंग और पद्मदेव भक्तिभरे नयनों से मुनिश्री को निहारते हुए वहीं खड़े रह गए। शांतमूर्ति को देख दोनों का हृदय आनन्द से ओत-प्रोत हो गया। शान्त रस टपक रहा हो, ऐसा प्रतीत होने लगा। ___ लगभग अर्धघटिका के पश्चात् मुनि ने आंखें खोलीं। दोनों ने मस्तक झुकाकर वन्दना की। पद्मदेव ने चरण स्पर्श किया। मुनि ने आशीर्वाद देते हुए कहा-'दोनों मुक्ति प्राप्त करो।' दोनों ने मुनिश्री को धर्मदेशना देने का आग्रह किया। मुनि ने धर्मदेशना दी। रत्नत्रयी का महत्त्व समझाया और धर्म उत्कृष्ट मंगल है, सारभूत है, इसकी व्याख्या की। धर्मदेशना से प्रभावित होकर तरंगलोला बोली-'भगवन्! आपने इस अवस्था में इतने कठोर मार्ग पर चलने का निर्णय क्यों लिया? कैसे लिया?' मुनि बोले-'भद्रे! कारण के बिना कार्य नहीं होता। यदि मैं यह कहूं कि मेरे त्यागमार्ग के निमित्त आप दोनों हैं तो आपको आश्चर्य होगा।' दोनों आश्चर्यभरी दृष्टि से मुनि को देखने लगे। मुनि ने मधुर स्वरों में कहा-'वास्तव में आप दोनों मेरे त्यागमार्ग पर चलने में निमित्त बने हैं, इसको समझाने के लिए मुझे सारी बात कहनी पड़ेगी।' १४० / पूर्वभव का अनुराग
SR No.032422
Book TitlePurvbhav Ka Anurag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2011
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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