SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 227
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (3) आहारक शरीर संघातन - नाम (4) तैजस शरीर संघातन - नाम (5) कार्मण शरीर संघातन - नाम 7. संहनन नाम कर्म - इसके उदय से हड्डियों की व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता हैं। (1) वज्रऋषभ नाराच संहनन - नाम ( 2 ) ऋषभ नाराच संहनन-न -नाम - ( 3 ) नाराच संहनन - नाम (5) सेवार्त संहनन - नाम 8. संस्थान नाम - कर्म - इसके उदय का प्रभाव शरीर की आकृति - रचना पर पड़ता है, इसके हेतुभूत कर्म पुद्गल इस प्रकार हैं (1) समचतुरस्र संस्थान (2) न्यग्रोध - परिमंडल संस्थान (3) सादि संस्थान (4) वामन संस्थान (5) कुब्ज संस्थान (6) हुंडक संस्थान 9. वर्ण नाम कर्म - इस कर्म के उदय से (1) कृष्ण वर्ण नाम - काला (3) नील वर्ण नाम-नीला (5) लोहित वर्णनाम - लाल (4) अर्ध नाराच संहनन - नाम (6) कीलिका संहनन - नाम क्रिया और कर्म - सिद्धांत शरीर के रंग पर प्रभाव पड़ता हैं। (2) हारिद्र वर्णनाम - पीला (4) श्वेत वर्णनाम - सफेद 10. गंध नाम कर्म - इस कर्म के उदय से शरीर के गंध पर प्रभाव पड़ता हैं। (2) दुरभि गंध-नाम (1) सुरभि गंध-नाम 11. रस नाम - कर्म - इस कर्म के उदय से शरीर के रस पर प्रभाव पड़ता है। (1) तिक्त रस - तीखा (3) कषाय रस- कसैला (5) मधुर रस - मीठा (2) कटु रस- कड़वा (4) अम्ल रस - खट्टा 12. स्पर्श नाम - कर्म- इस कर्म के उदय का शरीर के स्पर्श पर प्रभाव पड़ता हैं। (1) कर्कश स्पर्श - कठोर ( 3 ) गुरू स्पर्श - भारी (2) मृदु स्पर्श - कोमल (4) लघु स्पर्श - हल्का 167
SR No.032421
Book TitleAhimsa ki Sukshma Vyakhya Kriya ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaveshnashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2009
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy