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________________ १०. छह मासी या चार मासी तपार छह-छह महिने तक (दो बार) एकान्तर उपवास या इच्छानुसार १८० उपवास करने से छहमासी तप होता है, इसी प्रकार १२० उपवास करने से चौमासी तप होता है। मंत्र "श्री वर्धमान तीर्थंकराय नमः” अथवा “ॐ महावीर स्वामी तीर्थंकराय नमः" मंत्र की दस माला। क्रिया बारह लोगस्स का कायोत्सर्ग, बारह वंदना ११. संसार श्रृंखला उच्छेदक तप२ • समय . मास की दोनों एकादशिया अवधि ग्यारह वर्ष मंत्र ॐ परिब्रह्मणे नमः तप पौषधोपवास क्रिया मौन युक्त सवा करोड़ जप, उभयकाल प्रतिक्रमण, ग्यारह वंदना, ग्यारह लोगस्स का कायोत्सर्ग, संसार भावना का यथाशक्ति चिंतन, सिद्ध भगवान के गुणों की स्तुति १२ कषाय जय तप१४ अवधि सोलह दिन या बीस दिन मंत्र ॐ निरंजनाय नमः तप निर्विगय, आयम्बिल और उपवास की चार आवृत्ति क्रिया सवा लाख जप, सोलह वंदना, सोलह लोगस्स का कायोत्सर्ग लोगस्स और तप / १०१
SR No.032419
Book TitleLogassa Ek Sadhna Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyayashashreeji
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year2012
Total Pages190
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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