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________________ भगवती सूत्र श. २५ : उ. ४ : सू. १६४-१६७ में द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा, द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा कौन किनसे अल्प ? बहुत ? तुल्य ? या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! एक प्रदेशावगाढ पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, संख्येय- प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, असंख्येय- प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं। प्रदेश की अपेक्षा - एक - प्रदेशावगाढ़ पुद्गल अप्रदेश ( परमाणु - पुद्गल) की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, संख्येय- प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, असंख्येय--प्रदेशावगाढ़ पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं। द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा - एक प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्य और अप्रदेश की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, संख्येय- प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं । असंख्येय- प्रदेशावगाढ़ पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं। १६५. भन्ते ! इन एक समय की स्थिति वाले, संख्येय-समय की स्थिति वाले और असंख्येय- समय की स्थिति वाले पुद्गलों में (द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा, द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा कौन किन से अल्प ? बहुत ? तुल्य ? या विशेषाधिक हैं ?) जैसे अवगाहना की वक्तव्यता (भ. २५/१६४) वैसे ही स्थिति के अल्पबहुत्व की भी वक्तव्यता । १६६. भन्ते ! इन एक गुण-कृष्ण, संख्येय-गुण-कृष्ण, असंख्येय-गुणा - कृष्ण और अनन्त - -गुण-कृष्ण पुद्गलों में द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा, द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा कौन किनसे अल्प ? बहुत ? तुल्य ? या विशेषाधिक हैं ? जैसे इन परमाणु - पुद्गलों का अल्पबहुत्व (भ. २५ / १६३) वैसे ही इन (एक-गुण-कृष्ण.....) पुद्गलों के अल्पबहुत्व की वक्तव्यता । इसी प्रकार शेष वर्ण, गन्ध और रस वाले पुद्गलों के अल्पबहुत्व की भी वक्तव्यता । १६७. भन्ते ! इन एक-गुण-कर्कश, संख्येय-गुण-कर्कश, असंख्येय-गुण-कर्कश और अनन्त- गुण-कर्कश पुद्गलों में द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा, द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा कौन किनसे अल्प ? बहुत ? तुल्य ? या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! एक-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, संख्येय-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, असंख्येय-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं, अनन्त-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे अनन्त - गुणा हैं । प्रदेश की अपेक्षा भी पूर्ववत् । केवल इतना विशेष है - संख्येय-गुण-कर्कश पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं। शेष पूर्ववत् । द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा एक गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, संख्येय-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं । असंख्येय-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं। अनन्त-गुण-कर्कश पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे अनन्त - गुणा हैं, वे ही ८०५
SR No.032417
Book TitleBhagwati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages590
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size15 MB
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