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________________ भगवती सूत्र श. २५ : उ. ४ : सू. १५९-१६४ बहुत हैं। प्रदेश की अपेक्षा संख्येय- प्रदेशावगाढ पुद्गलों से असंख्येय- प्रदेशावगाढ पुद्गल बहुत हैं। १६०. भन्ते ! इन एक समय की स्थिति वाले पुद्गलों और दो समय की स्थिति वाले पुद्गलों में द्रव्य की अपेक्षा (कौन किनसे बहुत हैं ) ? जैसे अवगाहना की वक्तव्यता वैसे स्थिति की भी वक्तव्यता । १६१. भन्ते ! इन एक-गुण-कृष्ण पुद्गलों और दो-गुण-कृष्ण पुद्गलों में द्रव्य की अपेक्षा कौन किनसे विशेषाधिक हैं ? जैसे परमाणु-पुद्गल की वैसे ही इनकी निरवशेष वक्तव्यता । इसी प्रकार सभी वर्ण, गन्ध और रस वाले पुद्गलों की वक्तव्यता । १६२. भन्ते ! इन एक-गुण-कर्कश पुद्गलों और दो-गुण-कर्कश पुद्गलों में द्रव्य की अपेक्षा कौन किनसे विशेषाधिक हैं....? गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा एक गुण-कर्कश पुद्गलों से दो-गुण-कर्कश पुद्गल विशेषाधिक हैं । इसी प्रकार यावत् द्रव्य की अपेक्षा नव-गुण-कर्कश पुद्गलों से दस-गुण-कर्कश पुद्गल विशेषाधिक हैं। द्रव्य की अपेक्षा दस-गुण-कर्कश पुद्गलों से संख्येय-गुण-कर्कश पुद्गल बहुत हैं । द्रव्य की अपेक्षा संख्येय-गुण-कर्कश पुद्गलों से असंख्येय गुण-कर्कश पुद्गल अधिक हैं। द्रव्य की अपेक्षा असंख्येय-गुण-कर्कश - पुद्गलों से अनन्त-गुण-कर्कश पुद्गल अधिक हैं । इसी प्रकार प्रदेश की भी वक्तव्यता । सर्वत्र पृच्छा वक्तव्य है । जिस प्रकार कर्कश पुद्गलों की वक्तव्यता है उसी प्रकार मृदु, गुरु और लघु पुद्गलों की भी वक्तव्यता । शीत, उष्ण, स्निग्ध और रूक्ष पुद्गलों की वर्ण की भांति वक्तव्यता । १६३. भन्ते ! इन परमाणु- पुद्गलों, संख्येय- प्रदेशी, असंख्येय-प्रदेशी और अनन्त- प्रदेशी स्कन्धों में द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा, द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम! अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, परमाणु - पुद्गल द्रव्य की अपेक्षा इनसे अनन्त - गुणा हैं, संख्येय-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, असंख्येय- प्रदेशी स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं । प्रदेश की अपेक्षा- अनन्त - प्रदेशी स्कन्ध प्रदेश की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, परमाणु- पुद्गल प्रदेश की अपेक्षा इनसे अनन्त गुणा हैं, संख्येय-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेश की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, असंख्येय-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेश की अपेक्षा इनसे असंख्येय- गुणा हैं। द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा - अनन्त प्रदेशी स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा इनसे अनन्त गुणा हैं, परमाणु- पुद्गल द्रव्य और प्रदेश की अपेक्षा इनसे अनन्त - गुणा हैं, संख्येय- प्रदेशी स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा इनसे संख्येय-गुणा हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा से इनसे संख्येय-गुणा हैं, असंख्येय- प्रदेशी स्कन्ध द्रव्य की अपेक्षा इनसे असंख्येय-गुणा हैं, वे ही प्रदेश की अपेक्षा इनसे असंख्येय - गुणा हैं । १६४. भन्ते ! इन एक प्रदेशावगाढ़, संख्येय- प्रदेशावगाढ़ और असंख्येय- प्रदेशावगाढ़ पुद्गलों ८०४
SR No.032417
Book TitleBhagwati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages590
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size15 MB
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