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________________ श. २ : उ. १० : सू. १३९-१४९ भगवती सूत्र अधर्मास्तिकाय के प्रदेश और अध्व-समय । १४०. भन्ते! अलोकाकाश क्या जीव है? जीव का देश है? जीव का प्रदेश है? अजीव है? अजीव का देश है। अजीव का प्रदेश है? गौतम! वह न जीव है, न जीव का देश है, न जीव का प्रदेश है; न अजीव है, न अजीव का देश है, न अजीव का प्रदेश है। वह एक अजीव द्रव्य का देश है, अगुरुलघु है, अनन्त अगुरुलघु गुणों से संयुक्त है और अनन्त भाग से न्यून परिपूर्ण आकाश है। अस्तिकाय-पद १४१. भन्ते! धर्मास्तिकाय कितना बड़ा प्रज्ञप्त है? गौतम! वह लोक में है, लोक-परिमाण है, लोक-प्रमाण है, लोक से स्पृष्ट है और लोक का ही स्पर्श कर अवस्थित है। १४२. भन्ते! अधर्मास्तिकाय कितना बड़ा प्रज्ञप्त है? गौतम! वह लोक में है, लोक-परिमाण है, लोक-प्रमाण है, लोक से स्पृष्ट है और लोक का ही स्पर्श कर अवस्थित है। १४३. भन्ते! लोकाकाश कितना बड़ा प्रज्ञप्त है? गौतम! वह लोक में है, लोक-परिमाण है, लोक-प्रमाण है, लोक से स्पृष्ट है और लोक का ही स्पर्श कर अवस्थित है। १४४. भन्ते! जीवास्तिकाय कितना बड़ा प्रज्ञप्त है? गौतम! वह लोक में है, लोक-परिमाण है, लोक-प्रमाण है, लोक से स्पृष्ट है और लोक का ही स्पर्श कर अवस्थित है। १४५. भन्ते! पुद्गलास्तिकाय कितना बड़ा प्रज्ञप्त है? गौतम! वह लोक में है, लोक-परिमाण है, लोक-प्रमाण है, लोक से स्पृष्ट है और लोक का ही स्पर्श कर अवस्थित है। स्पर्शना-पद १४६. भन्ते! अधो-लोक धर्मास्तिकाय के कितने भाग का स्पर्श करता है? गौतम! वह धर्मास्तिकाय का कुछ अधिक आधे भाग का स्पर्श करता है। १४७. भन्ते! तिर्यग्-लोक धर्मास्तिकाय के कितने भाग का स्पर्श करता है? गौतम! वह धर्मास्तिकाय के असंख्यातवें भाग का स्पर्श करता है। १४८. भन्ते! ऊर्ध्व-लोक धर्मास्तिकाय के कितने भाग का स्पर्श करता है? गौतम! वह धर्मास्तिकाय के कुछ कम आधे भाग का स्पर्श करता है। १४९. भन्ते! यह रत्नप्रभा-पृथ्वी क्या धर्मास्तिकाय के संख्यातवें भाग का स्पर्श करती है? असंख्यातवें भाग का स्पर्श करती है? संख्येय भागों का स्पर्श करती हैं? असंख्येय भागों का स्पर्श करती है अथवा सम्पूर्ण का स्पर्श करती है? ९६
SR No.032416
Book TitleBhagwati Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
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