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________________ परीक्षा पाठकों को चाहिए कि वे इन प्रश्नों के उत्तर देकर ही आगे बढ़ें। अगर ठीक उत्तर न दे सकें तो पहले दस पाठ दुबारा पढ़ें (1) निम्न शब्दों के सातों विभक्तियों के एकवचन रूप लिखिएग्राम । चरण । देव । नृप। मार्ग। रक्षक । राम। वृक्ष । दुर्ग। ग्रन्थ । आश्रम । अनर्थ। (2) निम्नलिखित शब्दों का पंचमी तथा षष्ठी का एकवचन लिखिए। इस प्रकार का उत्तर अतिशीघ्र लिखना चाहिए नाग। पर्वत । देह । दिन। कपोल । कृष्ण। सिंह । लोभ । विनय । धनिक । खल। समागम। (3) निम्नलिखित वाक्यों के अर्थ कीजिए (1) त्वं श्वः प्रातः स्नानं करिष्यसि किम् ? (2) त्वम् इदानीं पठितुम् इच्छसि किम् ? (3) अहं कासारं गत्वा स्नानं कर्तुम् इच्छामि। (4) त्वं तं रथम् आनय। (5) अन्यत् पुस्तकम् आनय। (6) मुद्गौदनं याचकाय देहि । याचकः तत्र मार्गे तिष्ठति। तं पश्य। (7) अत्र त्वं शीघ्रम् आगच्छ। (8) सः सायं तत्र पुस्तकं नेष्यति। (9) कदा सः आगमिष्यति ? (10) सः श्वः प्रभाते आगमिष्यति। . (4) निम्न वाक्यों के संस्कृत वाक्य बनाइए (1) वह दुपट्टा ले जाता है। (2) मैं कल दोपहर को जाऊँगा। (3) लड्डू जल्दी खा और फिर पानी पी ले। (4) देवदत्त भोजन खाकर पाठशाला को जाएगा। (5) तू अब पढ़ता है, परन्तु मैं नहीं पढ़ती। (6) बाग को जा और फल खा। (7) तू घर जा और धोया हुआ वस्त्र ले आ। पाठ 11 अब दस पाठ हो चुके हैं। इतने थोड़े समय में पाठक बहुत-से वाक्य बनाने में समर्थ हो चुके होंगे। वे अगर धैर्य से और वाक्य बनाते जाएँगे, तो उनकी संस्कृत में बातचीत करने की शक्ति स्वयं बढ़ती जाएगी। संस्कृत भाषा की वाक्य-रचना अत्युत्तम है। अंग्रेज़ी तथा उर्दू के समान शब्दों को निश्चित स्थान पर रखने की आवश्यकता नहीं, देखिए अहं मोदकं भक्षयामि। अहं भक्षयामि मोदकम् । मोदकं भक्षयामि अहम्। मोदकं अहं भक्षयामि। भक्षयामि अहं मोदकम्। भक्षयामि मोदकम् अहम् । 36
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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