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________________ 9. पुस्तकं पठितुं पत्रं च लेखितुम् इच्छामि-पुस्तक पढ़ना और पत्र लिखना चाहता 10. इदानीम् एव उद्यानं गच्छ रक्तं पुष्पं च आनय-अभी बाग जा और लाल फूल ले आ। 11. पीतं पुष्पं न आनय-पीला फूल न ला। 12. अत्र शुद्ध जलम् अस्ति-यहाँ शुद्ध जल है। 13. किमर्थं स्नानम् इदानीम् एव न करोषि-स्नान अभी क्यों नहीं करता ? 14. इदानीम् एव स्नानं कर्तुं न इच्छामि-अभी स्नान करने की मेरी इच्छा नहीं। अकारान्त पुल्लिंग शब्द अक्षः-पांसा, जुआ। अनर्थः-कष्ट, दुःख। ग्रन्थः-पुस्तक। प्रभवः-उत्पत्ति। पार्थिवः-राजा। विन्ध्यः -एक पर्वत। शृगालः-गीदड़। कपोतः-कबूतर। मेघः-बादल। सिंहः-शेर। आश्रमः-आश्रम, रहने का स्थान। कोपः-क्रोध, गुस्सा। तापः-गर्मी। दुर्ग:-किला। वरः-वर, इष्ट। वायसः-कौवा। शुकः-तोता। देहः-शरीर। नागः-सांप। याचकः-माँगने वाला। जनकः-पिता। सैनिकः-सिपाही। इन शब्दों के रूप भी 'देव' और 'राम' शब्दों के समान होते हैं। पाठक इनके रूप सब विभक्तियों में बना सकते हैं। वाक्य पाठक इन वाक्यों को पढ़ते ही समझ जाएँगे, इसलिए उनके अर्थ नहीं दिए 1. तेन बुधेन ग्रन्थः लिखतः। 2. पर्वते सिंहः अस्ति। 3. नगरे अय नृपः आगतः। 4. सः सैनिकः दुर्गं गमिष्यति। 5. याचकः मार्गे तिष्ठति। 6. तस्य जनकः गृहे तिष्ठति। 7. तस्य पुत्रः पाठशालां गतः। 8. आकाशे मेघः अस्ति। 9. पार्थिवः युद्धं करोति। 10. नृपस्य प्रसादेन तेन धन प्राप्तम्। 11. तेन मित्रस्य गृहात् पुस्तकं आनीतम्। 12. सः वनस्य मार्ग पश्यति। 13. आकाशे सूर्यः अस्ति। 14. वने वृक्षः अस्ति। 15. वृक्षे खगः अस्ति। 35
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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