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________________ वाक्य 1. रामः उद्याने सदा गच्छति - राम बाग़ में हमेशा जाता है । 2. रामः उद्याने सदा गच्छति स्म-राम बाग़ में हमेशा जाता था । 3. कृष्णेन सह भाषणं करोमि - ( मैं ) कृष्ण के साथ बात करता हूँ । 4. त्वं तेन सह भाषणं करोषि - तू उसके साथ भाषण (बात) करता है । 5. सः मित्रेण सह भाषणं करोति स्म - वह मित्र के साथ भाषण करता था । 6. सः बालः मार्गे क्रीडति स्म - वह बालक मार्ग में खेलता था । 7. राजा युद्धं करोति स्म - राजा युद्ध करता था । 8. सः कर्म करोति स्म - वह काम करता था । 9. सः फलं भक्षयति स्म - वह फल खाता था । 10. सः प्रातः उत्तिष्ठति स्म - वह सबेरे उठता था । पिछले पाठ में जो विशेषण दिए गए हैं उनका तीनों लिंगों में उपयोग करके कुछ वाक्य यहाँ दे रहे हैं। उन्हें देखकर पाठकों को विशेषणों के प्रयोग का ज्ञान हो जाएगा। इसलिए पाठक हर एक वाक्य के विशेषणों को ध्यान से देखें और उनके उपयोग का ढंग जान लें । वाक्य 1. अखिलस्य संसारस्य किं मूलम् ? 2. अखिलायाः सृष्टेः किं मूलम् ? 3. अखिलस्य जगतः किं मूलम् ? 1. मया उत्तमाय ब्राह्मणाय मोदकः अर्पितः । 2. मया उत्तमायै पंडितायै पुष्पमाला अर्पिता। 3. मया उत्तमाय मित्राय पुस्तकम् अर्पितम् । 1. पश्य तं दुःखितं बालकम् । 2. पश्य तां दुःखितां नारीम। 3. पश्य तं दुःखितं मित्रम् । 1. तस्मै तृषिताय मनुष्याय पेयं जलं देहि । 2. तस्यै तृषितायै पुत्रिकायै पेयां यवागूं देहि । 3. तस्मै तृषिताय मित्राय पेयं दुग्धं देहि । 1. मया अधीतं ग्रन्थं त्वं नय । 2. मया अधीतां कथां त्वं शृणु । 3. मया अधीतं पुस्तकं त्वं पठ । शब्द संसारः - दुनिया (पुल्लिंग) । पिच्छा - पिच्छ, चावलों का पानी। जगत्-दुनिया (नपुंसकलिंग ) । सृष्टिः - दुनिया (स्त्रीलिंग ) । पण्डिता - विदुषी स्त्री । नारिका - स्त्री । शोभन - उत्तम । पण्डितः - विद्वान् पुरुष । कार्य-काम । तृषित - प्यासा । गौः - गाय । 123
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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