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________________ शब्द पृच्छति-वह पूछता है। पृच्छसि-तू पूछता है। पृच्छामि-मैं पूछता हूँ। सम्यक्-अच्छी प्रकार। प्रतिदिनम्-हर एक दिन। पृष्टम्-पूछा। पृष्ट्वा-पूछकर। प्रश्न-प्रश्न,सवाल। उत्तरम्-उत्तर,जवाब। वायुसेवनम्-हवाख़ोरी। वाक्य 1. शृणु देवः तं किं पृच्छति-सुन, देव उससे क्या पूछता है। 2. सः उच्चैः न वदति, अतः अहं तस्य भाषणं श्रोतुं न शक्नोमि-वह ऊँचा नहीं बोलता, इसलिए मैं उसका भाषण सुन नहीं सकता। 3. सत्वरं तत्र गत्वा शृणु-शीघ्र वहाँ जाकर सुन। 4. मम भ्रमणस्य समयः जातः, अतः तत्र गन्तुं न शक्नोमि-मेरा घूमने का समय ___ हो गया है, इसलिए वहाँ नहीं जा सकता। 5. किं त्वं प्रतिदिनं सायड्काले भ्रमणाय गच्छसि-क्या तू प्रतिदिन शाम को घूमने जाता है ? 6. अहं दिने दिने सायङ्काले प्रातःकाले वा भ्रमणाय गच्छामि-मैं प्रतिदिन शाम को या सवेरे के समय भ्रमण के लिए जाता हूँ। 7. सायङ्कालभ्रमणात् प्रातःकाले भ्रमणं वरम् अस्ति-शाम के समय घूमने से सवेरे के समय घूमना अच्छा है। क्रियाओं के तीन काल होते हैं। एक वर्तमान काल, दूसरा भूतकाल और तीसरा भविष्यत् काल। इन वर्तमान तथा भविष्यत् काल के विषय में पाठकों ने जान लिया है। जैसे वर्तमान काल-गच्छामि-जाता हूँ। भविष्यत् काल-गमिष्यामि-जाऊँगा। अब भूतकाल के विषय में बताते हैं। भूतकाल ‘स्म' शब्द लगा देने से बन जाता है। वर्तमान काल के रूप के आगे ‘स्म' रखने से उसी क्रिया का भूतकाल बन जाता है। जैसेवर्तमान काल भूतकाल गच्छति-जाता है। गच्छति स्म-जाता था। करोति-करता है। करोति स्म-करता था। उत्तिष्ठति-उठता है। उत्तिष्ठति स्म-उठता था।
SR No.032413
Book TitleSanskrit Swayam Shikshak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShripad Damodar Satvalekar
PublisherRajpal and Sons
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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