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________________ तद्धित ८ (भाव) १५६ धातु के प्रयोग करो दादाजी ने रमेश को अपना मकान दिया था। बहिन को तुम क्या दोगे ? शिव ने क्या धारण किया है ? शंकर अपने परिवार का पोषण करता है । मुझे पुस्तक दो। अभ्यास १. हिंदी में अनुवाद करो (क) वस्तुनः प्रेमा तस्य गुणे अवगुणे च आश्रितोस्ति । विना स्थेमानं न किमपि कार्य सिद्धयति । त्रपिमा स्त्रीणां एकः गुणोऽस्ति । (ख) तस्य वैदुष्यं दृष्ट्वा सर्वेऽपि प्रभाविताः जाताः। तीर्थकराणां शरीरे न बर्षिमा दृग्गोचरी भवति । अस्मिन् गृहे कस्य आधिपत्यमस्ति ? भरतस्य राज्यं विशालतरमासीत् । यौवनं को न वाञ्छेत् ? २. निम्नलिखित शब्दों का भाव के अर्थ में प्रयोग करो निर्धन, पशु, लघु, गुरु, कोमल, सखि, वृद्ध, अधिराज। ३ निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करो पित्यं शुक्ल्यं च कस्य स्वभावो वर्तते । ध्याने स्थिरमा भवेत् । गृहस्य द्रधिमानं दृष्ट्वा भूपः विस्मितो जातः । मूखयं न कोऽपि श्लाधते । ४. प्रिय आदि शब्दों को नियम ४०६ में क्या आदेश किया गया है ? ५. निम्नलिखित शब्दों के संस्कृत रूप बताओ अफीम, तम्बाकू, साडू, शाला, वारिस, ससुराल । ६. दा, धा और भृ धातु के द्यादि तथा स्यदादि के रूप लिखो।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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