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________________ १५२ वाक्यरचना बोध धातु का प्रयोग करो तीर्थकरों की स्तुति करो। जो अहंतों की स्तुति करेगा वह संसार से तर जायेगा। झूठ मत बोलो। बच्चे क्या बोलते थे ? किसी से द्वेष मत करो। अभ्यास १. हिंदी में अनुवाद करो.' नैशे सघनतमसि चौराः चौयं कुर्वन्ति । आचार्यस्य दिवातनानि कार्याणि .. कानि कानि सन्ति ? वासन्तः पवनः कस्मै न रोचते ? माध्यमानां तीर्थ कराणां साधवः चतुर्यामधर्म पालयन्ति । कालवोऽयं कालुयशोविलासः तेरापंथसंघस्य अमूल्यनिधिरस्ति । भैक्षवा इमा वाणी अस्माकं पथदर्शिनी चकास्ति । २. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करो और बताओ किस अर्थ में कौन-सा ३. निम्नलिखित शब्दो के अर्थ बताआ. आवेष्टकः, खूरिका, द्वैधम्, विद्रवः, खुरली, आसारः । ४. ष्टु, ब्रू और द्विष् धातु के तिबादि, द्यादि और स्यत्यादि के रूप लिखो। शार५७.५01. 01 . .. ... ... . . . . वैज्ञानः, जायाचार्यः, भारमलः, भैक्षवः, भैक्षवम् ।। ३. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताओ. आवेष्टकः, खूरिका, द्वैधम्, विद्रवः, खुरली, आसारः । ४. ष्टु, ब्रू और द्विष् धातु के तिबादि, द्यादि और स्यत्यादि के रूप लिखो।
SR No.032395
Book TitleVakya Rachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Shreechand Muni, Vimal Kuni
PublisherJain Vishva Bharti
Publication Year1990
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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