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________________ ७५० उत्तराधिकार [नवां प्रकरण का सम्बन्ध' का अर्थ लगाया गया है। मांडलीकके प्रमाण जो कि पेज ३६० (सुवोधिनी ) और पेज ३६४ (वीर मित्रोदय ) में कहे गये हैं वह दोनों गलत हैं। मांडलीकने यह विचार करने में गलती की है कि सिर्फ दश वारिस बताये गये हैं। मांडलीकसे हेरिङ्गटनका सिद्धान्त ठीक है यद्यपि उसे चौथी पुश्तमें ठहर जाना चाहिये था, सात पुश्त तक नहीं जाना चाहिये था। प्रतिवादी रिस्पान्डेन्टके वकीलोंने जो अपीलमें बहसकी उसका सारांश यह था कि (तत्सुता) का अर्थ परपोते तकमानना चाहिये । एवं (पितृसन्तान) (सन्तति) (सूनु) शब्दोंके अर्थ देखनेके लिये शब्दकल्पद्रुम पेज २२६३; मिस्टर विलियमस् संस्कृत इङ्गलिश डिकशनरी पेज १०५७, १११८; अमरकोश अ०२-७; कोलबुक का दान्सलेशन पेज १७५ का हवाला दिया गया है। प्रतिवादीके वकीलोंने अपनी बहसमें जिन नज़ीरों और जिन ग्रन्थोंका हवाला दिया यह हैं रचपुटीदत्त बनाम राजेन्द्रनरायनराय (1839 ) 2 Moo. I. A. 132, 157; भैय्या रामसिंह बनाम भैय्या उधरसिंह ( 1870) 13 Moo.I. A.373, 392, 393. करमचन्द बनाम उदंगुरैन (1866) 6 W. R. 158 औरियाकुंवर बनाम राजूनेसुकुल ( 1870) 14 W. R. 208; काशीबाई बनाम सीताबाई ( 1911) i3 Bom. L. R. 652, 557. राधेसिंह बनाम झूलेसिंह ( 1855) S. D. A. Bengal. 384; 399. और नये लेखकोंकी राये प्रतिवादीके पक्षको मज़बूत करती हैं, देखो-सर्वाधिकारी हिन्दूलॉ इन्हेरीटेन्स 654, 656; यस० सी० सरकार व्यवस्था चन्द्रिका Vol. 1, P. 183; जी० एन० भट्टाचार्य हिन्दू लॉ 447 से 478 तक जे० सी० घोष हिन्दूला 126, 146. मि० मेन हिन्दूला 4773 ( 1868 ) 12 Moo. I. A. 448. मि० सेटलोरका अनुवादित दायभाग पेज 57. सर एय्यरका अपरार्क पेज 41. । हाईकोर्टने इस फैसलेमें प्रायः सब बातोपर विचार करते हुये अपनी तजवीज़के आखीरमें फरमाया कि-"अगर आज कलके वकीलोंको मेरी राय स्वीकार हो तो मुझे मि० सर्वाधिकारीकी स्कीम जो सिर्फ मिताक्षराके अनुसार मानी जाती है, मि० हेरिङ्गटनकी स्कीमसे ज्यादा पसन्द है। मुझे इस स्कीममें कोई ऐसा एतराज़ नहीं देख पड़ता है जिसमें कि मैं उस स्कीमको जिसे अगरेज़ जजोंने बिचारा है पसन्द न करूं । मैं बगैर किसी तरहकी शङ्का के इन दोनों स्कीमोंको मांडलीककी स्कीमसे ज्यादा पसन्द करता हूं। जिन्होंने मांडलीककी स्कीम मानी है ऐसे योग्य लेखकोंकी और जजोंकी प्रशंसा करते हुये मैं कहता हूं कि यह स्कीम (पुत्र) और ( सन्तान ) के यथार्थ शब्दोंपर निर्भर है। इन शब्दोंको अगर किताबके साथ पढ़ा जाय तो इनका मतलब बदल जायेगा । हिन्दुओंका आम सिद्धान्त यह है कि-वरासत सबसे पारसके
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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