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________________ उत्तराधिकार [नवां प्रकरण की चौथी, पांचवीं छठवीं पीढ़ी तक जाती है। उसके बाद इसी तरह ऊपरकी प्रधान शाखा और भिन्न शाखाओं में जाकर सत्तावन पीढ़ीमें समाप्त हो जाती है। ( नकशा देखो दफा ६२४) (१) मृत पुरुषकी नीचेकी शाखामें पहिली तीन पीढ़ी, पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र। (२) विधुवा, लड़की, लड़कीका लड़का । (३) मा, बाप और उनकी भिन्न शाखा वाली लाइनमें पहिली तीन पीढ़ी यानी पुत्रं, पौत्र , प्रपौत्र। (४) बांपैकी मा, बापका बाप, (पितामह) (देखो इस जगहके बाद वाले वारिस ऐक्ट नं० २ सन् १९२६ई० इस प्रकरणके अन्तमें.) और उनकी पहिली तीन पीढ़ी यानी पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र । (५) पितामहेकी मा, पितामहका बाप, और उनकी तीन पीढ़ी यानी पुत्रं, पौत्र, प्रपौत्र। (६) मृत पुरुषके नीचेकी शाखामें पिछली तीन पीढ़ी यानी प्रपौत्र की पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र।। (७) यापकी शाखामें पिछली तीन पीढ़ी यानी-प्रपौत्रैका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (८) पितामहकी शाखामें पिछली तीन पीढ़ी यानी-प्रपौत्रका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (१) प्रपितामहकी शाखामें पिछली तीन पीढ़ी यानी-प्रपौत्रका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (१०) प्रपितामहकी मा, प्रपितामहका बाप, और उनकी पहिली तीन पीढ़ी यानी उनके पुत्र, पौत्र, प्रपौत्रै। (११) प्रपितामहके बाँपंकी मा, प्रपितामहकी पितामह, और उनकी पहिली तीन पीढ़ी यानी उनके पुत्र, पौत्रे, प्रपौत्र। (१२) प्रपितामहके पितामहकी मा, प्रपितामहके पितामहका बाप, और उनकी पहली तीन पीढ़ी यानी उनके पुत्रं, पौत्र , प्रपौत्रै ।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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