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________________ विषयवार सूची विषय - पत्नीका वली पति होता है - शादी करने से माता और गोद देने से बाप वली नहीं रहता - इस बार मुलाकी राय विरुद्ध है - मजहब बदलने पर वली नहीं रहता - ईसाई बापका दावा अपना लड़का हिन्दू दिला पानेका - जातिच्युत होनेसे वली खारिज़ नहीं होता - मजहब बदलने से धर्मशास्त्रीय इक चले जाते - अनौरस पुत्रका वली कौन है पेज ३५० ३५१ ३५२ ३५३ ३५४ हैं ३५४ - कौन डिकरी नाबालिग को पाबन्द करेगी - वलीको जिम्मेदारी और दौरान मुकद्दमे में नियत किया जाना - वली नियत करनेकी अर्जीका नमूना - गार्जियन एण्ड वार्डस एक्टकी दफा एवं पूरा - लड़की का वसीयत ३५१ - वसीयत से बाप अपने लड़कोंका वली नियत कर सकता है ३५५ | - वली के अधिकार ( कुदरती वली के ) ३५५ - मेनेजर सामान बेंच सकता है मगर कब ? ३५६ - ब्याज, सूदकी शरद -जायदाद कब बेंच सकता है 1- कौन खानदानी जरूरतोंके लिये जायदाद बेंची जासकेगी - हिस्सा निकल जायगा जब भाई वलीने बेचा हो गर्भावस्था में बालकका हक़ -कुदरती बलीका मुआहिदा ३६५/३६६ - जो काम वलीकी हैसियत से न किया गया हो ३६७ - बुली की तरफ से किसी कर्जे का मानलिया जाना ३६८ - जब नाबालिग ने अपनी उमर झूठ बताई हो ३६८ - नाबालिग के मुकद्दमे में सुलहनामा ३६९ ३७० ३६४ ३६४ ३५६ ३५८ | अर्थ लगाना कैसे चाहिये ३७२ ३७२ विषय् ३६१।३६२/३६३ | -टगोर केसके सिद्धान्त कानून व्यभिचार - विधवा व्यभिचारिणी गोद नहीं ले सकती १७४ - पुनर्विवाहिता विधवाका गोद लेना ३७५ विधवाका ७१४ ३७२ से ४२६ ३४७ - वसीयत द्वारा नियत किये हुए वलीके अधिकार ३४८ - स्त्रियों के अधिक में जबानी वसीयत ८४२ की व्याख्या और दानका फरक ९७२ -जबानी वसीयत कब जायज मानी जायगी ९७३ - कौन कर सकता है और कौन नहीं लिखनेका कायदा ९७३ ९०४ ९ ७ १ -- पढ़े हुए आदमीका निशान बनाना - कैसी लिखतें वसीयत मानी जावेगी ९७६ - कौन और कैसी लिखतें जायज मानी गई ९७७ ९७८/१५१ ९८० ९८१ - द्वारा उत्तराधिकार से वंचित करना पंज ७२३७२५ - मान लेना कि वसीयत के द्वारा सारा हक दिया गया - कोई आदमी कानून नहीं बदल सकता - अनुचित शर्त - भावी सन्तान के लिये वसीयत ९८३ - उचित उद्देशांके लिये ट्रस्ट जायज है ९८५ - सीमावद्ध दान ९८६ - जायदादकी आमदनी जमा होना ९८६ - वाक्यों और शब्द पर विचार - "मालिक और मालिक बखुद अख्त्यार' - "मालिक जायज मिस्ल मेरेके' - 'पुत्र पौत्रादि क्रम : १ -'अगर मेरा लड़का मर जाय' - - ' दखीलदार, और धर्मार्थ - " परिवार पर खानदानको ' 感 - 'नसलन दरनसलन' ६१ - • विधवाके मुसलमान - 'वसीयतकी इबारत' जाने पर ९८१ ९८२ ९८२ ९८९ ९९९ ९९० ९९० ९९९ ९९० ९९१ ९९ १ ९९१ ९९२
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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