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________________ बटवारे के साधारण नियम ६०६ दफा ५०६ ] उस नाबालिका हिस्सा, जिसने अपने वली द्वारा बटवारेकी नालिश की हो, उसके पिता के दूसरे लड़के के पैदा होनेके कारण कम न किया जा सकेगा यदि वह लड़का नालिशकी तारीख़के बाद गर्भमें आया हो किन्तु प्राथमिक डिकरी के पूर्व ही उत्पन्न होगया हो - कृष्णास्वामी देवन बनाम पुलुक रुपा श्रीवन 48 Mad. 465; 21 L. W. 675; 88I. C. 424; A. 1. R. 1925 Mad. 717; 48 M. L. J. 354. नाबालिग हिस्सेदार होनेपर बटवारा होगा - दवे राजलू नायडू बनाम कोण्डममल A. I. R. 1925 Mad. 427. बटवारा - सब हिस्सेदार नाबालिग़ - प्रत्येकके भाई द्वारा बतौर वली के बटवारा, मामूली तरीक़ेपर ईमानदारीके साथ और बालिग होनेपर नाबा - लिगों द्वारा अमल -तय हुआ कि बटवारा जायज़ था - टी० देव राजलू नायडू बनाम कोंडामल A. I. R. 1925 Mad. 427. पिता और नाबालिग - किसी हिन्दू मुश्तरका खान्दानके बटवारेकी नालिशमें, पिताके लिये योग्य है कि वह अपने नाबालिग पुत्रोंके वलीकी भांति कार्यवाही करे। यह नहीं कहा जा सकता कि पिताके अधिकार नाबालिग पुत्रों के खिलाफ हैं-लिंगा रेड्डी बनाम चेंगलराभा रेड्डी 21 L. W. 659; 8 / I. C 42; A. I. R. 1925 Mad. 734; 48 M. L. J. 417. दफा ५०८ बटवारे के बाद लड़केका पैदा होना मिताक्षराके मानने वाले किसी कुटुम्बमें जब बाप और बेटोंके परस्पर बटवारा हो जाय और उसके बाद उस बापके फिर पुत्र उत्पन्न हो तो यह पुत्र अपने भाइयोंकी जायदाद में से कोई हिस्सा नहीं पावेगा यानी जायदादका बटवारा फिर नहीं होगा, देखो - 4 Mad. H. C. 307; 33 Bom. 267; 10 Bom. L. R. 778; 1 Bom. I. R. 123. और देखो दफा ६०३ - ३. ( १ ) परन्तु यदि वटवारेके समय वह पुत्र माके गर्भमें रहा हो तो अवश्य बटवारा होगा - मीनाक्षी बनाम वीरअप्पा 8 Mad. 89. बटवारे के समय गर्भस्थिति पुत्रको हिस्सा मिलेगा इस विषय में लघुहारीतस्मृति देखो - ये जाता येपिचा जाता येच गर्भेव्यवस्थिताः वृत्तिंतेऽपिहिकाङ्क्षेतिवृत्तिदानं न सिध्यति । श्लो०११५ जो मनुष्य पैदा हुये हैं या जो नहीं पैदा हुये या जो गर्भमें स्थित हैं वे सब निज वृत्तिकी कांक्षा करते हैं इसलिये मौरूसी जायदाद किसीके बांट लेने या दान कर देने से उनका हक़ नहीं चला जाता। और देखो -- याज्ञवल्क्य - 77
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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