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________________ ३१२ नाबालिगी और वलायत [पांचवां प्रकरण निकाले जिसके जिलेमें नाबालिग अधिकतर रहता हो और उन कलक्टरों के नाम भी निकाले जिनके ज़िलोंमें नाबालिग की जायदादका कोई भी हिस्सा पड़ता हो । और फिर वह कलक्टर भी जिस प्रकार चाहे सूचना प्रकाशितकर सकता है। (३) दफा ११की उपदफा (२.) के अनुसार सूचना प्रकाशित करनेके लिये अदालत या कलक्टर कोई खर्च नहीं लेवेंगे। -दफा १२ नाबालिगको बीचमें पेश करनेका हुक्म तथा नाबा लिगकी जात व जायदाद बचानेका बीचमें हुक्म (१) अदालत को अधिकारहै किवह ऐसे व्यक्तिको जिसके अधिकार में नाबालिग्न हो इस प्रकारका हुक्म दे सकती है कि वह व्यक्ति नाबालिग को किसी खास व्यक्तिके सामने किसी नियत समय व स्थान पर पेश करे और अदालतको यहभी अधिकार है कि वह अस्थाई रूपसे नाबालिग की जात व जायदादकी सुपुर्दगी किसी भी व्यक्ति को जिसे वह उपयुक्त समझे कर सकती है। (२) जो नाबालिगा ( Female Minor ) सर्व साधरणमें निकलनेके लिये वाधित नहीं की जा सकती है वह देशके रीति व रिवाजके अनुसार पेशकी जावेगी और उनके लिये पहिली उपदफा अर्थात् दफा १२ (१) इसी प्रकार बर्ती जावेगी। (३) इस दफाके अनुसार-- (ए) अदालतको यह अधिकार न होगा कि वह नाबालिराको किसी ऐसे व्यक्तिकी देख रेखमें दे देवे जिसने नाबालिग़ा का पति होनेकी हैसियतसे वली बनाये जानेकी दरख्वास्त दी है नाबालिगा ऐसे व्यक्ति की देख रेखमें केवल ऐसेही दशामें रक्खी जासकेगी जबकि वह अपने माता पिता की अनुमति से उसकी देख रेखमें पहिलेसे ही बनी होवे, या (बी) न किसी ऐसे व्यक्तिको जिसकी देख रेखमें अस्थाई रूपसे नाबालिराकी जायदाद रक्खी गई है यह अधिकार होगा कि वह गैरकानूनी तरीकेसे जायदादका क़बज़ा उस व्यक्तिसे ले सके जिसके क़ब्ज़ेमें जायदाद पहिलेसे बनी है। --दफा १३ हुक्म देनेसे पहिले शहादतका सुनना . नियत तिथि पर या उसके पश्चात् जितनी जल्दी हो सके अदालत उस दरख्वास्त के पक्ष विपक्षकी साक्षी को सुनेगी।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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