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________________ गादफा ११] . गार्जियन एण्ड वाईस से भेजी जावेगी जिसमें कि सुविधाहो और उस दरख्वास्तमें जहांतक होसके उनसब बातोंका उल्लेख होना चाहिये जो इस दफाकी पहिली उप दफा १ में दीगई है। (३) दरख्वास्तके साथमें यह घोषणा अनिवार्य है कि वली नियुक्त किये जाने वाला व्यक्ति सहर्ष काम करनेको प्रस्तुत है और उक्त घोषणा या उस वलीके हस्ताक्षर तथा कमसे कम दो व्यक्तियोंकी साक्षी भी होना अनिवार्य है। -दफा ११ दरख्वास्त लेलेने पर कार्रवाई (१) अगर अदालतको विश्वास होजावे कि दरख्वास्त सुनी जाना चाहिये तो वह उस दरख्वास्तको सुननेके लिये कोई तारीख निश्चित् करेगी और नीचे दिये हुए ढंगपर दरख्वास्त तथा निश्चितकी हुई तारीखकी सूचना प्रकाशित करेगीः-- (ए) नीचे लिखे हुए व्यक्तियोंपर ज़ाबतादीवानीके अनुसार नोटिस तामील किये जावेंगे:१--नाबालिग्रके माता व पिता यदि वह ब्रिटिश भारत में रहते हों। २--वह व्यक्ति जिसके साथ नाबालिगका रहना या जिसके अधिकारमें नाबालिगकी जायदादका होना दरख्वास्त या चिट्ठीमें दिखलाया गया हो। ३-अगर वली बनने वाले व्यकिने स्वयं दरख्वास्त नहीं दी है तो वह व्यक्ति जिसके वली बनाये जानेके लिये दरख्वास्त या चिट्ठी दी गई हो। ४--अन्य कोई व्यक्ति जिसको अदालतकी रायमें दरवास्तकी सूचना विशेषरूपसे दी जाना आवश्यक है। (बी) नोटिस न्यायालय तथा नाबालिग़के रहनेके स्थानमें लगाये जाना चाहिये और हाईकोर्ट के इस एक्ट सम्बन्धी बनाये हुये नियमों के अनुसार अदालत जिसे और ढङ्गसे सूचना प्रकाशित किया चाहे कर सकती है। (२) अगर दफा १० उपदफा (१) के अनुसार दी हुई दरख्वास्त में नाबालिग़ की जायदादमें कोई ऐसी भूमि दिखलाई गईहो जिसकी देख रेख का भार कोर्ट आफ वाईस ले सकता है तो प्रान्तिक सरकारको अधिकार है कि वह कोई इस प्रकारकी खास या श्राम श्राज्ञा निकाल सकती है कि ऐसे अवसरों पर अदालतको चाहिये कि वह नोटिस उस कलक्टर के नाम
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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