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________________ गाइफा १२-१५] गार्जियन एण्ड वाई ---दफा १४ एकसाथ कई अदालतोंमें कार्रवाईका होना (१) यदि वली नियुक्त या घोषित किये जानेकी कार्रवाई एक से भधिक अदालतोंमें कीगई हो और किसी अदालत को विदित होजावे कि कार्रवाई दूसरी अदालत में भी कीगई है तो वह अदालत अपने सामने की कार्रवाई को रोक देगी। (२) यदि ऐसी दोनों या सब अदालतें जिनमें वली बननेकी कारवई एक साथ चल रही है एकही हाईकोर्ट की मातहत हों तो वह अदालतें ऐसे मामलेकी रिपोर्ट उस हाईकोर्टको भेज देंगी और उस सूरतमें हाईकोर्ट यह निश्चित करेगा कि क्ली नियुक्त या घोषित किये जानेकी कार्रवाई किस अदालतमें की जावेगी। (३) यदि दफाकी उपदफा (१) के अनुसार कार्रवाई किसी दूसरी सूरतमें रोकी गईहो अर्थात् वह अदालते जिनमें कार्रवाई एक साथ चल रही है एकही हाईकोर्टकी मातहत नहीं हैं तो वह अदालतें प्रान्तिक सरकार द्वारा भारत सरकार के पास ऐसे मामलेकी रिपोर्ट मेजेंगी और भारत सरकार (Governor General in Council) अर्थात् गवर्नरजनरल सपरिषद यह निश्चित करेगा कि नाबालिग़के वली नियुक्त या घोषित किये जानेकी कारीपाई किस अदालत में की जावेगी। -दफा १५ एकसाथ एकसे अधिक वलियोंकोनियुक्त या घोषणा (१) यदि जातिगत कानूनके अनुसार कानूनन् नाबालिग़की ज़ात व जायदाद के दो या दो से अधिक संयुक्तवली नियुक्त किये जा सकते हैं तो अदालत जबकि वह उचित समझे दो या दोसे अधिक ऐसे वली नियुक्त या घोषित कर सकती है। (२) यदि नावालिग़ यूरोपियन ब्रिटिश रिआया है और उसके पिता ने अपनी मृत्युके पश्चात् वसीयतनामा या किसी दूसरी दस्तावेज़ द्वारा कोई चली अपने नाबालिग बच्चे के लिये नियुक्त कर दिया है तो ऐसी सूरतमें अदालत को अधिकार है कि वह नाबालिग की माता कोभी संयुक्त वली नियुक्त कर सके अर्थात् पिता द्वारा नियुक्त किये हुये बली के साथ माताको भी वली नियुक्त कर देवे। (३) यदि नाबालिग यूरोपियन ब्रिटिश रिश्राया है और उसकी माता ने जीवत पिताके अयोग्य होने के कारण अपनी मृत्युके पश्चात् वसीयतनामा या किसी दूसरी दस्तावेज़ द्वारा नाबालिग का कोई वली नियुक्त कर दियाहै तो ऐसी दशा में अदालतको अधिकार है कि वह पिताको यदि वह योग्य हो 50
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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