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________________ दफा ३६६-३७१] नाबालिगी और वलायत ३७५ दफा ३६८ वलीकी तनख्वाह गार्जियन एण्ड वार्ड्स ऐक्टकी दफा २२--जो वली अदालतसे नियत कियागया हो, या जाहिर किया गया हो वह सिर्फ उतना रुपया पानेका हक़दार है जिसे अदालतने, अज्ञानके कामके लिये हुक्म दिया हो अगर कोई गवर्नमेन्ट का आफिसर अपनी आफिसरी की हैसियत से वली नियत कियागया हो, या जाहिर कियागया हो तो अज्ञानकी जायदादमेंसे गवर्नमेन्टको ऐसी फीसें देना होंगी जिन्हें लोकल गवर्नमेन्ट श्राम या खास तौरपर तजवीज़ करेगी। दफा ३६९ जातके वलीका कर्तव्य गार्जियन एण्ड वार्ड्स ऐक्टकी दफा २४-अज्ञानके ज़ाती वलीको, अज्ञानके शरीरकी देखभाल और रक्षा सिपुर्दकी गई है। उसके शरीर सम्बन्धी सब आवश्यकताओंको पूरा करना, तथा उसकी तन्दुरुस्ती, और शिक्षाके विषयमें पूरा ध्यान रखना ज़रूरी है और उन बातोंपर ध्यान दियाजायगा जिनको कि वह कानून, जिसके आधीनमें अज्ञान है, अज्ञानके लिये चाहता है। दफा ३७० जायदादके वलीका कर्तव्य गार्जियन एण्ड वाई एक्टकी दफा २७-अज्ञानके जायदादके वलीको उसकी जायदादके सम्बन्धमें उसी तरहपर बर्तना पड़ेगा जैसाकि प्रत्येक दूरदर्शी पुरुष अपनी जायदादके सम्बन्धमें बर्ते, और इस एक्टपर ध्यान रखते हुये वह जायदादके लेलेने, रक्षा करने, और उसके लाभके लिये सब काम जो योग्य और मुनासिब हो, करेगा। दफा ३७१ वली किन बातोंसे ख़ारिज किया जायगा गार्जियन एण्ड वार्ड्स ऐक्टकी दफा ३६-नीचे लिखी हुई बातोंपर लाभ रखनेवाले, किसी आदमीके दरख्वास्त परसे प्रत्येक वलीको, अदालत वलायतसे हटा सकती है, चाहे वह कोर्टसे नियत कियागया हो, या ज़ाहिर कियागया हो, या किसी वसीयतके द्वारा या अन्य किसीके द्वारा नियत कियागया हो। (१) अमानतका खराब इस्तेमाल करता हो। (२) अमानत के बारे में जो कर्तव्य है उस से वह सदैव चूकता ___ रहता हो। (३) अमानतके बारेमें कर्तव्य काम करनेकी हैसियत न हो।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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