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________________ नाबालिग्री और वलायत [ पांचवां प्रकरण दफा ३६६ दौरान, मुक़द्दमे में अदालत वली नियत कर सकती है गार्जियन एण्डवार्ड्स एक्टकी दफा १२ - अदालत जबतक वली नियत करने का फैसला करे, और उस मामलेका सुबूत सुने, इतने बीचमें अज्ञानकी जायदाद के लाभको नष्ट न होने देनेके लिये कोई वली चन्दरोज़ा नियत - करदेगी । जब कोर्ट, किसी आदमीको बीचमें वली नियत करनेका इरादा करेगी तो उसे हुक्म देगी कि वह अज्ञानको लेकर किसी तारीखपर हाज़िर हो । अगर अज्ञान लड़की है और वह किसी रवाजसे हाज़िर नहीं हो सकती है तो जिस तरह मुनासिब मालूम होगा हुक्म देगी । ३७४ दफा ३६७ वली अमानती सम्बन्ध रखता है गार्जियन एण्ड वार्डस ऐक्टकी दफा २० - वली अज्ञानसे अमानती सम्बन्ध रखता है । वलीको ज्ञानके काममें लाभ किसी तरहका नहीं उठाना चाहिये । मगर वली वह लाभ उठा सकता है जो वसीयतनामा या दूसरे किसी लेखमें जिससे कि वह नियत किया गया है या इस क़ानून के ज़रिये से उसे अपना लाभ उठानेका अधिकार दिया गया है । 1 वलीका, अमानती सम्बन्ध इन कामोंमें लागू पड़ता है -- जैसे - वलीको, अज्ञानकी जायदादका मोल लेना । अज्ञानकी तरफसे, वलीकी जायदादका मोल लेना | फौरन उसी वक्त, या उसके थोड़े दिनतक जबकि अज्ञान बालिग हो गया है और सब दूसरे सौदे जो उन दोनों के बीचमें हुए हैं या ऐसे समय में जबकि बालिग होनेके बाद लड़केपर वलीका दबाव रहा हो । दबाव की हालत में अगर वलीने अपने लाभ के लिये कुछ किया हो तो वली जाती तौरपर अज्ञानके नुक़सानका ज़िम्मेदार है । वली जो वाक़ई काबिज़ हो ( खिलाफ मुस्तहक़ वलीके ) जायदाद के हक़ीकी फ़ायदेके लिये जायदादपर उसी प्रकार ज़िम्मेदारी कर सकता है जिस प्रकार मुस्तहक़ वली कर सकता है । नारायन बनाम धर्म A. I. R. 1925 Nag. 134. नोट-अमानती सम्बन्धको अंगरेजी भाषामें फीडिव सियरी रिलेशन् शिपु (Fiduciaryrelationship) इस शब्द की परिभाषा यह है कि - वमूजिव ऐक्ट अमानतके जब कोई अमीन या जिसके हक्क्रमें वसीयतहै, या शरीकदार, या एजेंट या इक्जीक्यूटर कम्पनीका, या मशीर कानूनी, या और आदमी जो दूसरे आदमीका विश्वास पात्र हो और इस वजेहसे उसके अधिकारों को सुरक्षित रखनेका पाबन्द हो, विश्वासकी हैसियत या दबावको दखल देकर अपनी जात खासके लिये कोई मुनाफा नकदी या दूसरी तरहका हासिल करे । या जब कोई पुरुष जो इस क्रिस्मका पाचन्द हो, इस सूरत में कुछ अपना लेन देन करे जिसमें खुद उसका हक विश्वास करने वाले के विरुद्धहो या हो जाय, और उस लेन देनसे अपनी जात खास के लिये कुछ मुनाफा हासिल करे तो जरूर है कि उसने अपने लाभ के लिये वह काम किये थे, ऐसे सम्बन्धको अमानती सम्बन्ध कहते हैं ।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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