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________________ दफा ३२८-३३३ ] नाबालिगी और बलायत दफा ३३१ छोटे बच्चे का भी बाप ही वली होगा जब तक बाप जीता रहेगा तो उसके चाहे कितना भी छोटा बच्चा हो बाप वली होगा, मा नहीं हो सकती; देखो - इम्प्रेस बनाम प्राण कृष्ण 8 Cal. 969. दफा ३३२ नाबालिग भी नाबालिक। वली बन सकता है। एक नाबालिग अपने अज्ञान लड़कों तथा अज्ञान औरत का वली बन सकता है, मगर वह किसी दूसरे अज्ञान का वली नहीं बन सकता; देखोगार्जियन् एण्ड वार्डस् एक्ट ८ सन् १८६० ई० की दफा २१. UC हिन्दूलॉ में कोई ऐसा क़ायदा नहीं मालूम होता कि शामिल शरीक खानदान में इन्तज़ाम करने वाला पुरुष बालिग ही होना चाहिये; तो ऐसी सूरत में इन्तज़ाम अज्ञान भी कर सकता है । और वह सिर्फ अपनी स्त्री तथा लड़कों का ही वली नहीं होगा बल्कि खानदान के दूसरे अज्ञान लड़कों का भी वली हो सकता है । दफा ३३३ शामिल शरीक परिवार में जायदादकी वलायत अगर अज्ञान किसी शामिल शरीक खानदान में है तो उसकी जायदाद का वली बतौर कर्ता के उसका बाप है । यदि बाप मर गया हो तो अज्ञान के हिस्से की जायदाद के सहित तमाम जायदाद के देख भाल और इन्तज़ाम का बली बतौर कर्ता के बड़ा लड़का होगा । मा अपने लड़के की उस जायदाद का देख भाल और इन्तज़ाम करने की अधिकारिणी नहीं है जो शामिल शरीक है, मगर अपने लड़के के शरीर की तथा उस जायदाद की जो उसके लड़के की अलहदा, यदि कुछ हो, देख भाल करने और इन्तज़ाम करने का अधिकार रखती है, देखो - घरीव औला बनाम खलक सिंद (1903) 25 All. 4071 30 I. A. 165; गौरा बनाम गजाधर 5Cal. 219, विरूपाक्षय्या बनाम नीलगङ्गोबा 19 Bom. 309; श्याम कुंवर बनाम महानन्द 19 Cal. 301. अगर सब लड़के अज्ञान हैं तो अदालत कुल शामिल शरीक जायदाद के लिये एक वली नियत कर देगी, और वह वली जब तक बड़ा लड़का बालिग न होगा, रहेगा। बड़े लड़के के बालिग होते ही उस बली की अवधि समाप्त हो जायगी; देखो - विन्दा जी बनाम मथुरा बाई ( 1905 ) 30 Bom. 152. अनेक अज्ञान लड़कों में जब एक लड़का बालिग्र हो जायगा तो कोर्ट पहिले नियत किये हुए वली को खारिज कर देगी, और बाक़ी सब अज्ञान लड़कों का वली उस बालिग लड़के को बना कर सब शिरकत की जायदाद उसके ताबे कर देगी देखो रामचन्द्र बनाम कृष्णराव ( 1908 ) 32 Bom. 259.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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