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________________ नाबालिगी और बलायत [ पचावां प्रकरण उसे वलायत से हटा कर किसी दूसरे आदमी को वली नियत करदे; देखोसुभमिथीलाल बनाम दुर्गालाल 7 W. R. 73, 75; बूधीलाल बनाम मुरारजी 31 Bom. 413. ૪૮ हाल के एक मामले में तय हुआ है कि पिता द्वारा अज़रूप वसीयत वली नहीं मुक़र्रर किया जा सकता । के० सुब्वा रायदू बनाम के सुब्बम्मा 85 I. C. 457; A. I. R. 1925 Mad. 371; 47 M. L. J. 765. दफा ३२८ मा मृत्यु पत्र द्वारा वली नहीं नियत कर सकती मा अपने अज्ञान बालक के लिये मृत्यु पत्र द्वारा वली नियत नहीं कर सकती । मगर यदि किसी माने मृत्यु पत्र में अपने अज्ञान बालक का वली नियत किया हो तो कोर्ट माकी मरजी पर पूरा ध्यान देगी; देखो - बेकाया बनाम बैंकट ( 1897 ) 21 Mad. 401. दफा ३२९ मृत्यु पत्र द्वारा नियत किये हुए वलीका अधिकार जो वली बाप की वसीयत के ज़रिये से किसी अज्ञान का रक्षक नियत हुआ हो उसे वह सबशर्तें पूरी तौर पर पालन करना होंगी जो वसीयत नामा मैं इस बारे में लिखी गई हों, या जैसी कि मंशा वसीयत करने वाले की ज़ाहिर होती हो। वह उन सब बातों के पालन करने का पाबंद है; देखोगार्जियन् एण्ड वार्डस् एक्ट सन् १८२० ई० की दफा २७. दफा ३३० मिताक्षरा स्कूल के अन्दर वलायत इस किताब की दफा १५ में कहा जा चुका है कि तमाम हिन्दुस्थान में दो बड़े स्कूल हैं। दाय भाग और मिताक्षरा । दाय भाग सिर्फ बङ्गाल में और बाकी सब जगह मिताक्षरा स्कूल माना जाता है। मगर दोनों स्कूलों में बाप और मा अज्ञान के कुदरती वली हैं । पहिले बाप और उसके बाद मा ! अगर मा न हो, या इस योग्य न हो कि अज्ञान की परवरिश का काम करे, तो कोई मर्द रिश्तेदार नियत किया जायगा । मर्द रिश्तेदार के नियत करते समय बाप की तरफ के रिश्तेदार पहिले और माकी तरफ के रिश्तेदार बाद को नियत किये जायेंगे । अविभक्त परिवार में, जो मिताक्षरा धर्म शास्त्र से लागू किया गया हो जायदाद का तमाम इन्तज़ाम और अज्ञान के हिस्से की जायदाद का इन्तज़ाम भी नज़दीकी मर्द कुटुम्बी को होगा नकि माको । और जहां परिवार बटा हुआ हो वहां पर ऐसी सूरत न होगी; देखो - गौरा कुंवर बनाम गजाधर 5 Cal, 219 लेकिन अज्ञान के शरीर रक्षा का जो अधिकार माको प्राप्त होता है उसमें कोई पुरुष आपत्ति नहीं कर सकता है ।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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